रांची : अब नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआईए) ने भी झारखंड में अपने दफ्तर और अफसरों की सुरक्षा का मसला केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष उठाया है। एजेंसी ने मंत्रालय को इस संबंध में चिट्ठी लिखी है।
ईडी इसके पहले ही मंत्रालय को सुरक्षा संबंधी आशंकाओं से अवगत कराते हुए पत्र लिख चुकी है। इसके बाद ईडी के रांची स्थित जोनल ऑफिस की सिक्योरिटी बढ़ाई जा चुकी है। अफसरों की सुरक्षा भी कड़ी कर दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव और गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव को एनआईए की चिंता से अवगत कराते हुए सुरक्षा बढ़ाने को कहा है।
एनआईए का कहना है कि वह राज्य में कई गंभीर मामलों की जांच कर रही है। इस सिलसिले में अफसरों को सुदूर गांवों और जोखिम वाले इलाकों में जाना पड़ता है। ऐसे में जांच से प्रभावित हो रहे संगठनों से जुड़े लोग अफसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। झारखंड में एनआईए प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), भाकपा माओवादी सहित आतंकी संगठनों के खिलाफ जांच कर रही है।
एजेंसी ने जांच के दौरान कई बड़े खुलासे भी किए हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बने कई वांटेड आतंकियों, नक्सलियों, अपराधियों को ट्रैप भी किया है। बहरहाल, केंद्र के निर्देश के बाद राज्य की सरकार एजेंसी के दफ्तर के साथ-साथ जांच में लगे अफसरों की सुरक्षा बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
सनद रहे कि ईडी ने भी केंद्र को सुरक्षा संबंधी चिंताओं से अवगत कराया था। उसने अदालत में दिए गए एक आवेदन में भी खतरों का जिक्र किया है। इसके बाद ही ईडी को रांची के बिरसा मुंडा जेल में छापेमारी की इजाजत मिली थी। छापेमारी में ईडी को ऐसे कई सबूत हाथ लगे, जिससे यह साफ हो गया कि जेल में बंद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ईडी के अफसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए नक्सलियों और गैंगस्टरों से संपर्क साध रहे हैं।