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सीधे बैंक अकाउंट में आएगा पैसा, नीतीश सरकार ने कर दिया मासिक भत्ते का ऐलान

पटना: बिहार सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों और नर्सिंग सेवाओं से जुड़े कर्मियों के लिए अहम फैसले लिए हैं। अब पंचायत के मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य को हर महीने भत्ते का भुगतान किया जाएगा। साथ ही, नर्सिंग सेवाओं में काम कर रहे कर्मियों के लिए सेवांत लाभ और छुट्टी स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है।

अब तक पंचायत प्रतिनिधियों को हर चार महीने में भत्ता दिया जाता था, लेकिन अब इस व्यवस्था को बदलते हुए सरकार ने इसे हर महीने जारी करने का निर्णय लिया है। पंचायती राज विभाग ने भुगतान प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए इसे पीएफएमएस प्रणाली के जरिए सीधे बैंक खातों में भेजने की व्यवस्था की है। जिला स्तर पर भुगतान प्रणाली लागू होगी, जिससे प्रक्रिया तेज और सुचारू रूप से पूरी होगी।

भुगतान प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए जिला पंचायत कार्यालय में “मेकर, चेकर और एप्रूवर” की आईडी बनाई जाएगी, ताकि भुगतान प्रक्रिया में किसी तरह की रुकावट न आए। यह कदम पंचायत प्रतिनिधियों को समय पर वित्तीय सहायता देने के साथ ही प्रशासनिक कार्यों की दक्षता को भी बढ़ाएगा।

नर्सिंग स्टाफ के लिए सेवांत लाभ और छुट्टी प्रक्रिया होगी आसान
बिहार सरकार ने नर्सिंग सेवाओं में कार्यरत कर्मियों के लिए सेवांत लाभ, एसीपी-एमएसीपी और 60 दिनों की छुट्टी स्वीकृति को लेकर भी अहम बदलाव किए हैं। पहले इन सेवाओं से जुड़ी स्वीकृतियां मुख्यालय स्तर पर दी जाती थीं, जिससे प्रक्रिया में देरी और तकनीकी अड़चनें आती थीं। अब इस पूरी प्रक्रिया को सिविल सर्जन, मेडिकल कॉलेज अधीक्षक और अति विशिष्ट अस्पतालों के निदेशकों के स्तर पर स्वीकृत किया जाएगा।

इसके अलावा, सेवांत लाभ का भुगतान अब स्वच्छता प्रमाण पत्र प्राप्त होने के बाद ही किया जाएगा, जिससे भुगतान में पारदर्शिता बनी रहे। सरकार का यह कदम नर्सिंग स्टाफ को उनके अधिकारों और सुविधाओं का समय पर लाभ दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

सरकार के फैसले से मजबूत होगा प्रशासनिक ढांचा
इन बदलावों से पंचायत प्रतिनिधियों को हर महीने वित्तीय सहयोग मिलेगा, जिससे वे अपने कार्यों को सुचारू रूप से कर सकेंगे। नर्सिंग स्टाफ को भी सेवांत लाभ और छुट्टियों की त्वरित स्वीकृति का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी कार्य क्षमता बढ़ेगी। यह फैसला स्थानीय प्रशासन को मजबूत करने और स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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