पटना : भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के संबंधों में खटास की खबरें हैं। इसके संकेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रिएक्शन से भी मिल रहे हैं। खबर है कि रविवार को हुई नीति आयोग की बैठक में वह गायब रहे थे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने इस तरह की किसी बैठक से दूरी बनाई हो। एक महीने में ऐसे 4 मौके आए, जब वह केंद्र सरकार से जुड़ी मीटिंग्स में शामिल नहीं हुए। 17 जुलाई के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी।
राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी इस चर्चा में कुमार नहीं पहुंचे। इसके बाद 22 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई समारोह में भोज आयोजित किया था, जिसमें कुमार नहीं गए। अब 25 जुलाई को मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह से भी बिहार के सीएम ने दूरी बना ली थी। हालांकि, नीति आयोग की बैठक से कुमार के गायब रहने पर सरकार की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया। मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि कोविड से उबरे 71 वर्षीय कुमार लंबी यात्राओं से बच रहे हैं।
खास बात है कि रविवार को ही उन्होंने पटना में दो बड़ी बैठकों में हिस्सा लिया। इसमें एक मीटिंग राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर बुलाई गई थी। शाम को वह बिहार संग्रहालय के स्थापना दिवस के कार्यकर्म में शामिल हुए। यहां उन्होंने संग्रहालय में प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
शनिवार को ही पार्टी में RCP के नाम से मशहूर जदयू के पूर्व अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह ने पार्टी को अलविदा कह दिया था। खबर है कि पार्टी उनपर बड़ी संख्या में प्लॉट लेने के आरोपों को लेकर जवाब की मांग कर रही थी।