मुंगेर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को राज्य के मुंगेर में 696 करोड़ रुपये की लागत से 14.5 किलोमीटर लंबे एनएच 333 बी के तहत गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल की पहुंच पथ परियोजना का लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के शुरू हो जाने से मुंगेर-खगड़िया के बीच की दूरी 100 किलोमीटर एवं मुंगेर-बेगूसराय के बीच की दूरी 20 किलोमीटर कम हो गई है।
इस अवसर पर मुंगेर के लाल दरवाजा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुल के बन जाने से लोगों को आवागमन में काफी सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण बाबू के नाम पर मुंगेर गंगा रेल सह सड़क पुल का नाम श्रीकृष्ण सेतु रखा गया है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 2002 को जब इसका शिलान्यास किया गया था, तब उस समय लोगों ने अपने-अपने घरों में दीप जलकार खुशी का प्रकटीकरण किया था। आज उद्घाटन के मौके पर भी रात में सभी लोग अपने घरों में दीया जलाकर खुशी का इजहार करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शुक्रवार को ही घोरघट पुल का भी उद्घाटन किया है। इसके शुरू होने से मुंगेर से भागलपुर जाने का रास्ता काफी सुगम हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2007 में गन्ना से इथेनॉल बनाने के लिए 21 हजार करोड़ का प्रस्ताव हमलोगों को प्राप्त हुआ था। इस संबंध में हमलोगों ने तत्कालीन केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था, लेकिन केंद्र से मंजूरी नहीं मिली। उस समय के केंद्र सरकार के द्वारा गन्ना से चीनी बनाने का हवाला दिया गया और इसे खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि अब केंद्र सरकार ने निर्णय ले लिया है और विशेष इथेनॉल नीति 2021 लागू की गई है, जिससे बिहार में उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 187 करोड़ लीटर वार्षिक इथेनॉल उत्पादन क्षमता वाले 29 इकाइयों के आवेदन आए हैं। केंद्र ने 35.28 करोड़ लीटर उत्पादन क्षमता के लिए 17 इकाइयों को चयनित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में मक्का का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है, यहां उत्पादित मक्का दूसरे राज्यों में जाता है। केंद्र सरकार द्वारा अगर मक्का से इथेनॉल बनाने की भी अनुमति मिलती तो बिहार को काफी फायदा मिलता। इससे बिहार में उद्योग बढ़ेगा, जिससे लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि बिहार में मक्का का उत्पादन अधिक होता है और यहां खपत न के बराबर है इसलिए बिहार का इथेनॉल क्रय क्षमता बढ़ाने का जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में आबादी का घनत्व अन्य राज्यों की तुलना में काफी अधिक है। एक वर्ग किलोमीटर में बिहार में जितनी आबादी है, उतनी देश के किसी अन्य राज्य में नहीं है, इसलिए बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।