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लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं, Yoga बचाएगा High BP से

नई दिल्ली: जो लोग हाईपरटेंशन के मरीज बनने के कगार पर हैं या फिर हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी का शिकार होने की तरफ बढ़ रहे हैं, उनके लिए दवाईयां या लाइफस्टाइल में बदलाव से ज्यादा फायदेमंद है- योग। जी हां, हाई बीपी से बचाने में योग सबसे फायदेमंद माना जा रहा है। इतना ही नहीं, अगर आप सोचते हैं कि लाइफस्टाइल में बदलाव करके इन बीमारियों को बढ़ने से रोका जा सकता है तो आप गलत हैं। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि हाई बीपी जैसी बीमारियों में लाइफस्टाइल बदलने से कहीं ज्यादा फायदा नियमित रूप से योग करने से होता है।

120 से 139 के बीच की स्थिति प्री-हाइपरटेंशन
गंगाराम अस्पताल के न्यूरोफीजियॉलजी विभाग की डॉ नंदिनी अग्रवाल ने बताया कि आमतौर पर 120/80 ब्लड प्रेशर को नॉर्मल माना जाता है। लेकिन जब किसी का ऊपर का बीपी यानी सिस्टॉलिक 120 से 139 के बीच पहुंच जाए तो यह प्री-हाइपरटेंशन की स्थिति मानी जाती है। ऐसे लोग कुछ समय बाद ब्लड प्रेशर के मरीज बन जाते हैं। एक बार बीपी के मरीज बनने पर ब्रेन स्ट्रोक व हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मरीजों को अक्सर दवा के साथ लाइफस्टाइल सुधारने को कहा जाता है।
सर्दी में योग से शरीर को रखें गर्म
लेकिन गंगाराम अस्पताल में प्री-हाइपरटेंशन के 120 मरीजों को 2 ग्रुप में बांटकर स्टडी की गई। जिन मरीजों ने नियमित रूप से योगासन किया, उनका बीपी 4 mmHg तक कम हो गया। बिना योग किए सिर्फ खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करने वालों के बीपी में कोई कमी नहीं आई। स्टडी में शामिल डॉ संदीप जोशी ने बताया कि अगर ऊपर का बीपी 3 mmHg भी घट जाए तो ब्रेन स्ट्रोक से मौत का खतरा 8 प्रतिशत और दिल की बीमारी से मौत के खतरा 5 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

योग के ये आसन हैं ज्यादा फायदेमंद
स्टडी के दौरान लोगों को वॉर्मअप के बाद सूर्य नमस्कार, वज्रासन, ताड़ासन, शशकासन आदि कराया गया। फिर प्राणायाम में अनुलोम विलोम करवाया। आराम के लिए कायोत्सर्ग बताया गया। मेडिटेशन के लिए प्रेक्षा ध्यान की ट्रेनिंग दी गई। यह सब छह महीने कराने पर मरीजों को काफी फायदा हुआ। स्टडी के बाद पता चला कि हाई बीपी के मरीजों में खानपान और स्मोकिंग की आदतों में बदलाव योग जितना असरदार नहीं था।

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