बारिश के कारण अभी शीतलहर से नहीं मिलेगी राहत
नई दिल्ली: देश में बीते करीब 20 दिनों से दिल्ली- एनसीआर सहित पूरा उत्तर भारत कड़ाके की चपेट में है। आने वाले दिनों में भी राहत के आसार नहीं हैं। इस बार कई ऐसी मौसमी परिस्थितयां बनीं, जिन्होंने उत्तर भारत को ठिठुरने पर मजबूर दिया। इनमें ला नीना प्रभाव, पाकिस्तान से लेकर बिहार तक फैली बादलों की चादर और अब पश्चिमी विक्षोभ के कारण हो रही बारिश व बर्फबारी शामिल है।
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, सोमवार से उत्तर पश्चिम भारत में और ठंड बढ़ने की संभावना है। उत्तराखंड के पंतनगर स्थित गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर आरके सिंह के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण यह स्थिति बनी। अगले दो दिन तक ये बादल बने रहेंगे। कई क्षेत्र में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ ओले गिरने की संभावना है। राजस्थान के उत्तरी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है जिससे ठंडी बढ़ सकती है।
इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तरी मध्यप्रदेश, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में घना कोहरा छाया रह सकता है। कश्मीर के गुलमर्ग तथा अन्य स्थानों में बीती रात हल्की बर्फबारी हुई है और घाटी की अधिकतर जगहों पर न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से ऊपर रहा। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग में करीब पांच इंच तक ताजा बर्फबारी हुई जबकि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम पर्यटन स्थल पर दो इंच तक बर्फबारी हुई है।
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामनी ने कहा, ”बादल और हल्की बारिश के कारण उत्तर पश्चिम भारत में सर्दी बढ़ी है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण पारे में गिरावट दर्ज की गई है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बादल छाने और सूर्य की रोशनी बाधित होने के कारण भी बीते आठ दस दिनों से सर्दी बढ़ी है।