UP के 54 जिलों में कोरोना संक्रमण का एक भी नया केस नहीं
लखनऊ। लगातार कोशिशों से प्रदेश में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है। आज कुल एक्टिव केस की संख्या 500 से भी कम हो गई है। जनपद अलीगढ़, अमेठी, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, गोंडा, हाथरस, कासगंज, पीलीभीत, सहारनपुर, शामली और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। औसतन हर दिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहें हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 बनी हुई है और रिकवरी दर 98.6 फीसदी है। यह स्थिति संतोषप्रद है। यह अतिरिक्त सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही बड़ी समस्या का कारक बन सकती है।
ट्रेसिंग, टेस्टिंग और त्वरित ट्रीटमेंट के साथ-साथ तेज टीकाकरण की नीति से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। विगत 24 घंटे में हुई 02 लाख 48 हजार 631 सैम्पल की टेस्टिंग में 54 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया, जबकि 21 जनपद में इकाई अंक में मरीज पाए गए। इस अवधि में कुल 43 नए संक्रमित पाए गए, जबकि 71 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 490 रह गई है। 334 लोग होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। अब तक 06 करोड़ 83 लाख 86 हजार 372 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है और 16 लाख 85 हजार 581 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने के लिए ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रबंध किए जाएं।
आज महराजगंज एक मात्र जिला है, जहां दोहरे अंक में संक्रमितों की पुष्टि हुई है। यहां 10 नए संक्रमित पाए गए हैं। सभी संक्रमित एक ही क्षेत्र के निवासी हैं। यह क्षेत्र गोरखपुर-महराजगंज की सीमा से लगा हुआ है। प्रारंभिक जांच में गोरखपुर आवागमन के अतिरिक्त इनकी कोई विशेष ट्रैवेल हिस्ट्री भी नहीं पाई गई है। आज ही इस क्षेत्र में विशेष टीम भेजकर गहन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कराई जाए। इनके सैम्पल कलेक्ट कर लखनऊ में जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए। गोरखपुर और महराजगंज जनपदों में विशेष सतर्कता बरती जाए। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड में रहे।
प्रदेश के कतिपय जनपदों में सीवर से जुड़े कार्यों में कुप्रबंधन की स्थिति देखने को मिली है। कहीं सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़क निर्माण/मरम्मत नहीं किया गया तो कहीं पीने के पानी में सीवर का गंदा पानी आने की शिकायत है। सटीक प्लानिंग के अभाव में लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। लखनऊ में ऐसा ही प्रकरण देखने में आया है। दूषित जल के कारण लोगों के बीमार होने की जानकारी मिली है। यह स्थिति कतई ठीक नहीं है। ऐसे सभी प्रकरणों का संज्ञान लेते हुए न केवल समस्या निस्तारित कराई जाए, बल्कि जवाबदेही तय करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। नगर विकास विभाग द्वारा इस संबंध में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाए।
कोविड से बचाव में टीकाकरण बहुत सहायक सिद्ध हो रहा है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में तेज टीकाकरण की नीति अपनाई गई है। प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 55 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाई जा चुकी है। 04 करोड़ 68 लाख 24 हजार से अधिक लोगों ने वैक्सीन की एक डोज प्राप्त कर ली है। जबकि 87 लाख से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज प्राप्त कर चुके हैं। इस स्थिति को और बेहतर करने की आवश्यकता है। कोविड टीके की दूसरी खुराक समय पर मिलना सुनिश्चित कराया जाए। जिन लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी है, उनसे संवाद-संपर्क किया जाए।
प्रदेश के कतिपय जनपद बाढ़/अतिवृष्टि से प्रभावित है। विगत दिनों में मैंने इटावा, औरैया, जालौन आदि जिलों की स्थिति का निरीक्षण किया है। प्रभारी मंत्रीगण भी अपने संबंधित जिलों की स्थिति पर नजर रखें। नदियों के जलस्तर की सतत मॉनीटरिंग की जाए। सभी प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा आपदा प्रबंधन टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए।