![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2024/06/Lok-Sabha-elections-PM-Modi-win-overwhelming-majority-survey.jpg)
नई दिल्ली : लोकसभा के लिए हुए चुनाव में आठ हजार से अधिक उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई है, जिनमें से 16 फीसदी राष्ट्रीय दलों के, छह प्रतिशत उम्मीदवार राज्य स्तरीय दलों के और 47 फीसदी उम्मीदवार निर्दलीय हैं। यह जानकारी ‘पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च’(PRS) की रिपोर्ट में दी गई है।
पीआरएस (PRS) के मुताबिक, इस बार के चुनाव में 543 लोकसभा सीट के लिए मान्यता प्राप्त छह राष्ट्रीय दलों सहित 744 दलों के 8360 उम्मीदवार मैदान में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह 1996 के बाद से प्रत्याशियों की सबसे अधिक संख्या है। वर्ष 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में 13,952 उम्मीदवार मैदान में थे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 8039 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई थी।
![](https://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2024/06/pm-modi-bjp-manifesto-2024-04-99.jpg)
अठारहवीं लोकसभा के लिए सात चरणों में मतदान कराया गया, जो 19 अप्रैल को शुरू हुआ और एक जून को संपन्न हुआ। मतों की गिनती चार जून को होगी। रिपोर्ट के अनुसार, छह राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त दलों में से एक मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सबसे अधिक 488 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं। राष्ट्रीय दलों में बीजेपी ने 441, कांग्रेस ने 328, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने 52, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 22 और नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।
राज्य स्तरीय दलों में समाजवादी पार्टी ने सबसे अधिक 71 उम्मीदवार चुनावी रण में उतारे हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 48 सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े किए। एआईएडीएमके ने 36, सीपीआई ने 30, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने 25, आरजेडी ने 25, डीएमके ने 22 प्रत्याशी उतारे हैं। पीआरएस रिपोर्ट के मुताबिक, गैर मान्यता प्राप्त दलों में सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया (कम्युनिस्ट) ने सबसे अधिक 150 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इसके बाद पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) का स्थान है, जिसके 79 उम्मीदवार मैदान में हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक सीट पर औसत 15 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि, प्रत्येक राज्य में सीटवार उम्मीदवारों की संख्या अलग-अलग है। तेलंगाना में प्रत्येक सीट पर सबसे अधिक औसत उम्मीदवार हैं।
यहां के प्रत्येक सीट पर औसतन 31 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि लद्दाख और नगालैंड में सीटवार तीन-तीन उम्मीदवार मैदान में हैं। तमिलनाडु की करूर सीट पर सबसे अधिक 54 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 46 (85 प्रतिशत) उम्मीदवार निर्दलीय हैं।