रायपुर : रायपुर नगर निगम की ओर से स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने अपने सीमा क्षेत्र में स्मार्ट नेम प्लेट लगाने का काम शुरू कर रखा है। लेकिन उसकी गुणवत्ता कितनी है इसको आज तक नहीं परखा जा रहा है। परिणाम सामने हैं या तो वह लगाते ही गिर जा रहा है या अधर में लटक रहा है। लगाने वाले तो जैसे तैसे ठोके,फोटो खींचा और चलते बने। यदि घर मालिक ठीक से लगाने कहता तो बहस पर उतर आते हैं। कई जगह तो लोगों ने गिर जाने पर सुरक्षित घर में रख लिया है तो कुछ ने अपने खर्च पर दुरुस्त करवा लिया है। सुंदरनगर वार्ड पार्षद मृत्युंजय दुबे ने अपने वार्ड के कई घरों में लगे ऐसे स्मार्ट नेम प्लेट की तस्वीर साझा करते हुए निगम आयुक्त से मांग की है कि लाखों रूपए आखिर क्या खानापूर्ति के लिए खर्च किए जा रहे हैं? कैसे मानिटरिंग की जा रही है?
पार्षद दुबे ने जानकारी में बताया कि वार्ड क्रमांक 42 पन्डित सुन्दर लाल शर्मा में स्मार्ट सिटी प्राइवेट लिमिटेड रायपुर के द्वारा प्रत्येक घर मे स्मार्ट नेम प्लेट लगाया जा रहा है। 50 से अधिक नागरिकों ने मुझे शिकायत कर बताया कि नेमप्लेट लगाने वाले कर्मचारियों के पास दीवालों में छेद करने वाली मशीन नही है जिससे नेमप्लेट के चारो कोने में लगें नट बोल्ट स्कू्र टाइट नही हो पा रहे हैं। आधे में स्कू्र टूट भी जा रहे हैं नागरिकों के द्वारा उन्हें ठीक से नेमप्लेट लगाने कहने पर कर्मचारी बहस औऱ बदतमीजी कर रहे हैं। शिकायत मिलने पर अशवनी नगर क्षेत्र जाकर देखा तो नेम प्लेट में चारो स्कू्र आड़े तिरछे लग रहें हैं और बीच मे टूट भी रहे हैं। उन्होने निगम आयुक्त से मांग करते हुए कहा है कि निगम आयुक्त के साथ साथ स्मार्ट सिटी रायपुर के एमडी भी हैं अत: नेमप्लेट लगाए जाने में हो रही गड़बड़ी अनियमितता को संज्ञान में लेते हुए सुनिश्चित करें कि प्रत्येक घर मे मकान मालिक से पूछ कर सही स्थान पर चारों कोने में स्कू्र एयर टाइट कर कसा जाए ताकि लाखों रुपए खर्च कर लगाए जा रहे स्मार्ट नेमप्लेट की उपयोगिता जीवन पर्यन्त बनी रहे। अधिक अच्छा होगा कि 70 पार्षदों के सामने स्मार्ट नेमप्लेट लगाने के महत्त्व और उपयोगिता के बारे में प्रेजेंटेशन कर देंवे।