भूपेन हजारिका के कार्यो को संरक्षित करने के लिए अभी कुछ नहीं किया गया : आसू
गुवाहाटी: ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने शनिवार को कहा कि भारत रत्न भूपेन हजारिका की मूल्यवान रचनाओं और योगदान को सम्मान देने, संरक्षित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है। संगीत उस्ताद की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आसू के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि वे भूपेन हजारिका के कार्यो को स्कूल से लेकर उच्च स्तर की शिक्षा तक शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
भट्टाचार्य ने मीडिया को बताया कि आसू भी असम और भारत के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों में भूपेन हजारिका के नाम पर शोधपीठ की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे भूपेन हजारिका के बाद गुवाहाटी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग कर रहे हैं। आसू ने गुवाहाटी में भूपेन हजारिका की प्रतिमा के सामने स्मारक कार्यक्रम का आयोजन किया।
अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “सुधाकोंतो भूपेन हजारिका का संगीत हमारी रगों में सदा प्रवाहित रहेगा। भूपेन हजारिका सभी असमियों के दिलों में हैं।” कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों ने संगीत उस्ताद को श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे असम में कई स्मारक समारोह आयोजित किए।