चंडीगढ़ : हरियाणा में हर व्यक्ति को स्वास्थ्या सुविधाओं का लाभ मिले, इसके लिए सरकार द्वारा लगातार स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण और विस्तारीकरण किया जा रहा है। इसी कड़ी में एक कदम और आगे बढ़ते हुए हरियाणा सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के ऐसे जरूरतमंद परिवारों को भी लाभ देने की शुरुआत की है, जिनका नाम वर्ष 2011 के सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना (एसईसीसी) डाटा में दर्ज नहीं था। ऐसे सभी व्यक्तियों के आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डन कार्ड बनाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल 21 नवंबर को मानेसर में गोल्डन कार्ड वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर लाभार्थियों को गोल्डबन कार्ड वितरित करेंगे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य् सेवाएं हर व्यक्ति का मूल अधिकार है, जो उसे अवश्य मिलना चाहिए। इसलिए मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन से राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए प्रदेश में एसईसीसी सूची में शामिल परिवारों के अलावा ऐसे सभी परिवारों, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है, उन्हें आयुष्मान भारत योजना’ का लाभ देने का निर्णय लिया। एसईसीसी डाटा के अलावा इस योजना में शामिल किए जाने वाले अन्य परिवारों का 5 लाख रुपये तक का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इसी प्रयास को अब मूर्तरूप देते हुए मुख्यमंत्री लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड वितरित करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य देश में जरूरतमंद व वंचितों को स्वास्थ्य सुविधाएं देना था। हरियाणा में भी एसईसीसी सूची के अनुसार पात्र लाभार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने अधिक से अधिक गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मुहैया करवाने के उद्देश्य से बीपीएल परिवारों की वार्षिक आमदनी सीमा को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया गया है।
केंद्र सरकार के मापदंडों के अनुसार हरियाणा में 15,51,798 परिवार इस योजना में कवर हो रहे थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने योजना का दायरा बढ़ाया, जिसके कारण अब प्रदेश के 28 लाख परिवारों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इन सब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई जाएगी।
हरियाणा में अब तक 28,89,036 आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत कुल 715 अस्पताल एम्पैनल्ड हैं, जिनमें 539 निजी अस्पताल और 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों के माध्यम से जरूरतमंद व्यक्तियों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। अब तक इस योजना के तहत 5,51,480 क्लेम के दावे किए थे और 580.77 करोड़ रुपये से अधिक के क्लेम दिए गए हैं।