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अब आयुर्वेदिक तरीके से दो हफ्ते में कम होगी ब्लड शुगर

नई दिल्ली : डायबिटीज एक तेजी से बढ़ती जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है। दुर्भाग्यवश इसका कोई इलाज नहीं है। एक बार अगर कोई इसकी चपेट में आ गया, तो उसे इसके साथ जीना पड़ेगा। हालांकि इसे कंट्रोल करके बेहतर जीवन जी सकते हैं। डायबिटीज होने पर अग्नाशय का कामकाज प्रभावित होता है। इस अंग का काम शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन पैदा करना है। इंसुलिन बॉडी में ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। ऐसा नहीं होने से ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) बढ़ने लगता है जिससे कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है।

डायबिटीज का इलाज और रोकथाम क्या है? ब्लड शुगर को सिर्फ बेहतर डाइट और एक्सरसाइज के जरिए कंट्रोल किया जा सकता है। मरीजों को ऐसे खाद्य पदार्थों को खाने की सलाह दी जाती है जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है क्योंकि यह चीजें ब्लड शुगर नहीं बढ़ाती हैं। हालांकि कुछ जड़ी बूटियां और घरेलू उपचार भी हैं, जिनका अगर शुगर के मरीज दवाओं के साथ इस्तेमाल करें, तो उन्हें ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

आयुर्वेद डॉक्टर दीक्षा भावसार के अनुसार, डायबिटीज (टाइप 1 और 2) वाले सभी लोगों के लिए कुछ उपाय बता रही हैं, जिनके जरिए आप ब्लड शुगर लेवल को सिर्फ 15 दिनों में कम कर सकते हैं। इतना नहीं, यह उपाय दिल और किडनी के रोगों के लक्षणों को भी कम कर सकते हैं।

ब्लड शुगर कम करने के उपाय

अपने पानी/चाय/कॉफी में एक चुटकी दालचीनी मिलाकर पिएं
भोजन से 1 घंटे पहले या बाद में 10-20 मिली ऑर्गेनिक सेब साइडर सिरका लें।
सप्ताह में एक बार या 15 दिन में एक बार नमक, डेयरी और अनाज से उपवास करें।
रोजाना खाली पेट 1 चम्मच भीगी हुई मेथी / मेथी के बीज लें और इसकी चाय बनाएं।
अपनी दिनचर्या में कम से कम 20 मिनट के लिए गहरी सांस लेने के व्यायाम/प्राणायाम शामिल करें।

डायबिटीज कंट्रोल करने के तरीके

हफ्ते में कम से कम 6 घंटे व्यायाम करें
अपने खाने में लहसुन का इस्तेमाल जरूर करें
रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
कैफीन, गहरे तले हुए खाद्य पदार्थ, सफेद चावल और चीनी, शराब को सीमित करें
मौसमी फल और सब्जियों का खूब सेवन करें

आप बाजार से ब्लड शुगर कम करने वाला चूर्ण ले सकते हैं। इस चूर्ण को नीम, गोक्षुर, गुडुची, मधुनाशिनी, शुंथि, मंजिष्ठा, मारीच, बिल्व, भूमि आमलकी, पुनर्नवा, जामुन, करेला, हरिद्रा और त्रिफला जैसी सभी एंटी-डायबिटिक आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है।

डॉक्टर ने बताया कि यह आयुर्वेदिक चूर्ण प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने में प्रभावी है (प्रीडायबिटीज का मतलब है कि व्यक्ति डायबिटिक होने की कगार पर है, उसका HbA1C लेवल 5.6 से 6.5 की रेंज में है )। इतना ही नहीं, यह टाइप I और टाइप II डायबिटीज को भी मैनेज करता है।

यह पाउडर न केवल आपके शुगर लेवल को मैनेज करता है बल्कि उर्जा स्तर बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल को रोकने, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, मेटाबॉलिज्म में सुधार करने, लिवर और अग्न्याशय को स्वस्थ बनाने, डायबिटिक न्यूरोपैथी, नेफ्रोपैथी और रेटिनोपैथी जैसी डायबिटीज संबंधी जटिलताओं को रोकने में भी सहायक है।

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