नई दिल्ली : टमाटर एक ऐसी सब्जी है जिसे भारतीय किचन में आप जरूर देखेंगे. किसी भी भारतीय घर में आप चले जाइए वहां बनने वाली हर सब्जी में आपको टमाटर पड़ा जरूर मिल जाएगा. टमाटर का इस्तेमाल चटनी में, चोखा में और तरह तरह के सूप में भी होता है. हालांकि, ये सब अभी तक सिर्फ लाल टमाटरों से होता था. लेकिन अब बाजार में काले टमाटर आने को तैयार हैं. ये काले टमाटर किसानों (farmers) की किस्मत में सफलता और समृद्धी के रंग भर देंगे. इनती डिमांड भारत (India) समेत अब पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ी है.
काले टमाटर की खेती के लिए गर्म जलवायु सबसे ज्यादा मुफीद माना जाता है. इसकी खेती के लिए मिट्टी का पिएच लेवल 6 से 7 के बीच होना चाहिए. उत्तर भारत के कई इलाकों में काले टमाटर की खेती बड़े आराम से हो सकती है. कहा जाता है कि इस टमाटर में नॉर्मल टमाटर के मुकाबले ज्यादा विटामिन सी होता है और इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं. किसानों के लिए बड़ी बात ये है कि काले टमाटर की बाजार में कीमत लाल टमाटर से कहीं ज्यादा है और इसकी डिमांड भी आजकल खूब हो रही है.
ऐसे देखा जाए तो ये फसल यूरोप की है. इंग्लैंड में काले टमाटर की खेती सबसे पहले शुरू की गई, इसे यहां सुपर फूड कहा जाता है. लेकिन अगर भारत की बात करें तो यहां काले टमाटर की खेती सबस पहले हिमाचल प्रदेश में शुरू हुई. यहां के किसान आज भी काले टमाटर की खेती करते हैं. इसके बीज पहले विदेश से मंगाए जाते थे, लेकिन जब से हिमाचल प्रदेश में इसकी खेती शुरू हुई, काले टमाटर के बीज भारतीय बाजार में भी बड़े आराम से मिल जाते हैं.