अब हर थाने में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क, निरीक्षक होंगे प्रभारी और राजपत्रित अधिकारी करेंगे निगरानी
लखनऊ: साइबर अपराध होने की दशा में अब पीड़ित को पुलिस मदद के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। बढ़ते साइबर अपराध पर शिकंजा कसने के लिए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाए जाने के बाद अब जल्द उत्तर प्रदेश के हर थाने में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क का गठन होगी। डीजीपी मुकुल गोयल ने इसका आदेश जारी कर दिया है और इस माह के अंत तक थानों में डेस्क के गठन का काम पूरा कर लिए जाने का निर्देश दिया है। डीजीपी ने निरीक्षक/उपनिरीक्षक को साइबर हेल्प डेस्क का प्रभारी बनाए जाने का निर्देश भी दिया है।
डीजीपी मुकुल गोयल ने कहा है कि प्रत्येक थाने में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क का गठन किया जाएगा और जिला स्तर पर राजपत्रित अधिकारी इसके कार्यों की निगरानी करेंगे। डेस्क पर मौजूद पुलिसकर्मी विशेषकर साइबर अपराध के पीड़ित व्यक्ति की समस्या सुनेंगे और उसकी मदद करेंगे। साइबर वित्तीय अपराध की स्थिति में उसकी सूचना साइबर हेल्प लाइन 155260 तथा वेबसाइट www.cybercrime.gob.in पर दर्ज कराने में पीड़ित की मदद करेंगे। साइबर हेल्प लाइन के माध्यम से पीड़ित की फ्रीज की गई रकम को नोडल साइबर हेल्प डेस्क पीड़ित के बैंक खाते में वापस कराने में सहायता प्रदान करेगी।
डीजीपी ने कहा है कि डेस्क पर महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की जाएगी और गंभीर साइबर अपराध की घटना के मामले में एफआइआर दर्ज कराने के लिए थाना प्रभारी/साइबर नोडल अधिकारी को भी सूचना दी जाएगी। साथ ही एनसीआरपी (नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) के जरिये प्राप्त शिकायतों में तय अवधि में आवश्यक विधिक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। थाने पर आने वाली साइबर अपराध की शिकायतों के निस्तारण में जिला स्तरीय साइबर क्राइम सेल की मदद ली जाएगी। साथ ही साइबर अपराध से संबंधित मोबाइल नंबर, बैंक खातों की संख्या व अन्य सूचनाएं साइबर सेफ पोर्टल पर नियमित रूप से दर्ज कराई जाएंगी। साइबर हेल्प डेस्क में हर दिन की कार्यवाही का विवरण रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि डीजीपी ने सितंबर में सभी थानों में साइबर क्राइम हेल्प डेस्क स्थापित करने की घोषणा की थी, जिसके बाद जिलों में प्रमुख थानों में डेस्क की स्थापना की गई थी। प्रशिक्षित पुलिसकर्मियों की कमी के कारण हर थाना स्तर पर इसका गठन नहीं हो सका था। डीजीपी मुख्यालय स्तर से 15 से 30 सितंबर, 2021 के मध्य साइबर प्रशिक्षण का आनलाइन कार्यक्रम संचालित किया गया था। हर थाने में नियुक्त कंप्यूटर आपरेटर, महिला व पुरुष आरक्षी, उपनिरीक्षक स्तर के लगभग 15 हजार कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया था।