जयपुर : वसुंधरा राजे के बहाने अनशन करके भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने के लिए एक दिन के अनशन पर बैठे पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट प्रकरण से पैदा हुए हालात के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को अपने निवास पर राज्य मंत्रि परिषद की मीटिंग बुलाई है। बुधवार 12 अप्रैल को सुबह 11.30 बजे मुख्यमंत्री निवास पर होने वाली इस बैठक का एजेंडा जाहिरा तौर पर राज्यभर में लगने वाले महंगाई राहत कैंप और अन्य योजनाओं को लागू किए जाने पर विचार विमर्श करना बताया जा रहा है। लेकिन, इस बैठक में सचिन पायलट को लेकर आगामी रणनीति पर विचार किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने समर्थकों से पायलट के खिलाफ मोर्चा खुलवा सकते हैं। हालांकि राजस्व मंत्री रामलाल जाट पहले ही अनुशासनहीनता बताकर पायलट पर हमला बोल चुके हैं। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी पायलट के इस कदम को पार्टी विरोधी गतिविधि करार देते हुए उन्हें सलाह दी है कि अगर समस्या है तो वे पार्टी फोरम पर बैठकर बात करें। कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी सचिन पायलट के इस कदम को अनुचित बताया है। लेकिन, कहा है कि पार्टी हाईकमान को भी पायलट जैसे नेताओं की बात सुननी चाहिए। सभी साथ बिठाकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
बताया जा रहा है कि गहलोत मंत्रियों और अपने समर्थक विधायकों के जरिए पार्टी हाईकमान पर इस बात के लिए दबाव बनाना चाहते हैं कि वह पायलट के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कदम उठाए। क्योंकि पायलट की वजह से राजस्थान में उनकी और कांग्रेस की छवि खराब हो रही है। इसका असर आने वाले विधानसभा चुनाव में पड़ सकता है। जबकि उन्होंने बजट में कई शानदार योजनाएं दी हैं। इस समय राज्य सरकार के खिलाफ एंटी इनकमबेंसी जैसा माहौल भी नहीं है।