Indian Railways News: बस और मेट्रो ट्रेन में महिलाओं के लिए अलग से सीट आरक्षित होती हैं. दिल्ली मेट्रो ट्रेन में प्रत्येक कोच में महिला सीट रिजर्व होने के अलावा अलग से एक कोच भी रिजर्व होता है. ईएमयू और डीएमयू ट्रेन में भी महिलाओं के लिए अलग से कोच होता है. भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ओर से अब लंबी दूरी की ट्रेन में भी महिला यात्रियों के लिए बर्थ रिजर्व (special berths for female passengers in Trains) की गई है.केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने कहा कि लंबी दूरी की ट्रेनों में महिला यात्रियों की आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने विशेष बर्थ निर्धारित करने सहित कई सुविधाएं शुरू की हैं.
मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के स्लीपर क्लास में छह बर्थ
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों (Mail and Express Trains) में स्लीपर क्लास में छह बर्थ का आरक्षण कोटा और गरीब रथ (Garib Rath), राजधानी (Rajdhani), दुरंतो समेत पूरी तरह से वातानुकूलित एक्सप्रेस ट्रेनों की थर्ड एसी कोच (3AC class) में छह बर्थ का आरक्षण कोटा महिला यात्रियों (female passengers) के लिए निर्धारित किया गया है.
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इनके अलावा हर स्लीपर कोच (Sleeper class) में छह से सात लोअर बर्थ (lower berths), वातानुकूलित 3 टियर (3एसी) में कोच में चार से पांच लोअर बर्थ और वातानुकूलित 2 टियर (2एसी) कोच में तीन से चार लोअर बर्थ वरिष्ठ नागरिकों (senior citizens), 45 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिला यात्रियों और गर्भवती महिलाओं (pregnant women) के लिए निर्धारित की गई हैं. यह रिजर्वेशन ट्रेन में उस श्रेणी के डिब्बों की संख्या के आधार पर होगा.
महिला यात्रियों की सुरक्षा
रेल मंत्री ने कहा कि ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा (women passengers safety) के भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. उन्होंने बताया कि भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के तहत ‘पुलिस’ और ‘लोक व्यवस्था’ राज्य के विषय हैं, हालांकि, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) जीआरपी और जिला पुलिस यात्रियों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराएगी.इन तमाम सहूलियतों के अलावा रेलगाड़ियों और स्टेशनों पर महिला यात्रियों सहित अन्य यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीआरपी (GRP) के तालमेल से रेलवे द्वारा कुछ और कदम भी उठाए जा रहे हैं.रेलवे सुरक्षा बल ने पिछले साल 17 अक्टूबर को एक अखिल भारतीय पहल “मेरी सहेली” (Meri Saheli) शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य ट्रेनों से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को उनकी पूरी यात्रा में सुरक्षा प्रदान करना था.