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अब Oyo करेगी छंटनी, कंपनी स्ट्रक्चर में भी होगा बदलाव, जानिए कितनों की जाएगी जॉब?

नई दिल्ली: हॉस्पिटिलिटी चेन ओयो भी अब उन स्टार्टअप की लंबी कतार में शामिल हो गई है जो कंपनी को पटरी पर लाने के लिए कर्मचारियों की छंटनी का सहारा ले रहे हैं. ओयो ने अपने स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव की योजना सामने रखी है. इस योजना का मुख्य हिस्सा कर्मचारियों की छंटनी है. कंपनी ने जानकारी दी है कि वो 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रही है. कंपनी में फिलहाल 3700 कर्मचारी काम कर रहे हैं. वहीं कंपनी ने साफ किया है कि वो इसके साथ ही नई भर्तियों की भी योजना बना रही है.

वहीं कंपनी ने ये भी कहा है कि वो कंपनी स्ट्रक्चर में बदलाव के तहत नई जॉब भी ऑफर करेगी. हालांकि नए जॉब की संख्या छंटनी होने वाले कर्मचारियों की संख्या के आधे से भी कम होगी. इस योजना के तहत बिजनेस को बढ़ावा देने वाले सेक्शन में नई भर्तियां होंगी. कंपनी ने कहा है कि रीस्ट्रक्चरिंग के तहत कुछ सेक्शन का आकार छोटा किया जाएगा या फिर उन्हें आपस में मर्ज किया जाएगा.

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस छंटनी में बड़ा हिस्सा टेक कर्मचारियों को होगा जिसमें अधिकांश प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग जैसी भूमिका निभाने वाले कर्मचारी हैं. कंपनी ने जानकारी दी है कि काम को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने के लिए प्रोडक्ट और इंजीनियरिंग टीम को आपस में मिला दिया जाएगा. जिससे कंपनी में काम बेहतर तरीके से होता रहे. इसके अलावा कई और टीमों को भी छोटा बनाया जा रहा है.

वहीं दूसरी तरफ कंपनी रिलेशनशिप मैनेजमेंट टीम का बढ़ाएगी और 250 कर्मचारियों की भर्ती करेगी जिसमें अधिकांश इस डिपार्टमेंट से जुड़ेंगे. पिछले दो साल में ये दूसरी बार है जब ओयो ने लोगों को नौकरी से निकाला है. 2020 के अंत में कंपनी ने 300 कर्मचारियों की छंटनी की थी. कंपनी ने कहा है कि नौकरी से निकाले जाने वाले कर्मचारियों अन्य फायदों के साथ नई नौकरी पाने के लिए भी मदद की जाएगी. ओयो फिलहाल आईपीओ लाने की तैयारी में है और इश्यू से पहले वो अपनी स्थिति को मजबूत दिखाने की कोशिश में है.

कंपनी के मुताबिक 600 कर्मचारियों की छंटनी और 250 कर्मचारियों की भर्ती से स्टाफ की संख्या शुद्ध रुपये 10 प्रतिशत ही घटेगी. दुनिया भर में मंदी की आशंकाओं का सबसे ज्यादा असर स्टार्टअप पर पड़ा है. ये पहले से ही फंडिंग की कमी से जूझ रहे थे. मंदी से मांग पर असर के कारण स्थिति और बुरी हो गई है. हालत ये है कि स्टार्टअप लागत घटाने के लिए छंटनी का सहारा ले रहे हैं. साल 2022 में भारतीय स्टार्टअप ने करीब 17 हजार कर्मचारियों की छंटनी की है.

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