पंजाबराज्य

इंटरनेशनल बॉर्डर के 1 Km के दायरे में अब नहीं होगा खनन, मान सरकार ने लगाई रोक

चंडीगढ़: पंजाब के सीमावर्ती जिलों में खनन का मामला पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के दायरे में आने के लगभग तीन महीने बाद राज्य सरकार ने फैसला किया है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा के एक किलोमीटर के भीतर कानूनी खनन की अनुमति नहीं दी जाएगी. राज्य सरकार ने कहा है कि सेना और बीएसएफ द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं के बाद यह निर्णय लिया गया है.

सरकार ने कहा कि 18 अक्टूबर के आदेशों के तहत लिए गए एक और निर्णय के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सीमा के दो किलोमीटर के भीतर स्क्रीनिंग-कम-वॉशिंग प्लांट और स्टोन क्रशर को संचालित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके साथ ही राज्य ने छह स्थलों पर खनन गतिविधियां करने के लिए उच्च न्यायालय की अनुमति भी मांगी है, जिसके संबंध में सेना द्वारा कोई आपत्ति नहीं उठाई गई थी.

इसमें कहा गया है कि विभाग पठानकोट और गुरदासपुर जिलों में की जा रही खनन गतिविधियों के कारण किसी भी प्रकार के अवैध खनन और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे को रोकने के लिए हर आवश्यक प्रयास कर रहा है. इसने सेना के अधिकारियों की सभी सिफारिशों पर विचार करने का भी बीड़ा उठाया.

अदालत को दिए हलफनामे में कहा गया है कि 16 खनन/ गाद निकालने वाले स्थलों में से नौ लोगों के पास वैध पर्यावरणीय मंजूरी थी. शेष सात स्थलों का जिक्र करते हुए हलफनामे में कहा गया है कि 7 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में कुछ शर्तों के साथ 11 दिसंबर तक गाद निकालने की अनुमति दी गई थी.

वहीं 2 जुलाई, 2 अगस्त और 29 अगस्त के अपने विभिन्न अंतरिम आदेशों में उच्च न्यायालय की गंभीर चिंता को ध्यान में रखते हुए, विभाग ने पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में स्थित खनन/ गाद निकालने की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है. सेना ने खनन गतिविधियों के बाद बंकरों को हुए नुकसान पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर एचसी के निर्देशों के जवाब में दावा किया था कि इनकी संरचनात्मक मजबूती वास्तव में प्रभावित होगी.

Related Articles

Back to top button