देहरादून । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर पर सरकार के रुख पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि एनआरसी की आड़ में भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है।
मीडिया की ओर से एनआरसी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि कोई विदेशी रह रहा हो तो उसे निकालने का कोई भी राजनीतिक दल विरोध नहीं कर रहा है। उत्तराखंड में ऐसे मामले हैं तो सरकार को बताना चाहिए कि उसने क्या कार्रवाई की है। अब तक कितनी गिरफ्तारी हुई हैं।
उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी लागू किया गया है, लेकिन वहां भाजपा के लोग ही इसके विरोध में आ गए हैं। हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक देखकर भाजपा ने एनआरसी का राग अलापना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी पंचायत चुनाव की चुनौती को देखकर प्रदेश सरकार जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
विधायकों और जिला इकाइयों पर जीत का दारोमदार
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को जिताने का दारोमदार संबंधित विधायक, विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों और जिला इकाइयों पर होगा। ग्राम प्रधानों, ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर समर्थित प्रत्याशियों के चयन में पार्टी ने इन्हीं की अहम भूमिका तय की है।
प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कांग्रेस सीधा मुकाबला भाजपा से ही मान रही है। इसलिए पार्टी समर्थित प्रत्याशियों के चयन में आम सहमति बनाने का ही पूरा प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इसी फार्मूले पर ही जिला प्रभारियों को काम करने के निर्देश दिए थे।
सांगठनिक जिलों में पार्टी की जिला इकाइयों के साथ ही विधायक या विधानसभा चुनाव लड़ चुके पार्टी प्रत्याशियों के साथ ही जिलों के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ विचार-विमर्श कर प्रभारियों ने प्रत्याशियों के चयन को लेकर रिपोर्ट तैयार की है। ये रिपोर्ट प्रदेश मुख्यालय को सौंपी जा चुकी हैं।
अब प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में पंचायत चुनाव के सिलसिले में होने जा रही बैठक में जिला प्रभारियों, जिलाध्यक्षों के साथ ही विधायकों व विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को भी बुलाया गया है। बैठक का मकसद दमदार प्रत्याशियों का चयन है।
इस मामले में कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा के कदम पर निगाहें गड़ाए हुए है। जिन क्षेत्रों में भाजपा के खिलाफ असंतोष मुखर है या संभावित दावेदारों को लेकर खींचतान की नौबत है, वहां सधे अंदाज में कांग्रेस काम कर रही है। पार्टी की रणनीति सत्तारूढ़ दल के असंतोष को भुनाने की भी है।
कांग्रेस जिला पंचायतों में अध्यक्ष और सदस्यों को लेकर खास मशक्कत की जा रही है। जिला प्रभारियों और अध्यक्षों से भी उन प्रत्याशियों के बारे में पूछा जाएगा, जो जिताऊ साबित हों। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि बैठक में पंचायत चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।