NSA का जिन अपराधियों पर हुआ इस्तेमाल, आधे से अधिक मामले गौ हत्या के
लखनऊ। यूपी की योगी सरकार गौ हत्या के सख्त खिलाफ है। अगर कोई भी गौ हत्या करता है तो योगी सरकार उसके प्रति तुरंत कार्रवाई करती है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद बार-बार यह कहते हैं। इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसका असर भी इस सरकार में देखने को मिला है। यूपी पुलिस ने गौ हत्या के कथित मामलों में आधे से अधिक लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की है।
गौरतबल है कि गौ हत्या से जुड़े मामलों में आाधे से अधिक लोगों की गिरफ्तारीयां एनएसए के तहत हुई है। यूपी के बहराइच में 4 सितंबर को गौ हत्या के मामले में एक आरोपी के खिलाफ एनएसए के तहि कार्रवाई हुई है। जिन लोगों के खिलाफ इस साल राज्य में कड़े कानून का इस्तेमाल किया गया है, इनमें से आधे से ज्यादा मामले कथित गौ हत्या से संबंधित हैं।
साल 2020 में 19 अगस्त तक यूपी पुलिस ने राज्य में 139 लोगों पर एनएसए लगाया है, जिनमें 76 मामले सिर्फ और सिर्फ गौ हत्या से संबंधित हैं। 31 अगस्त तक अकेले बरेली जोन में ही 44 मामले सामने आए। और वहीं, पुलिस ने महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के मामले में छह आरोपियो पर एनएसए के तहत कार्रवाई की है। 37 जघन्य अपराध और अन्य अपराध के मामलों में एनएसए का इस्तेमाल किया गया।
सीएए प्रोटेस्ट में 13 की गिरफ्तारी
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन में भी पुलिस ने इस साल 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि एनएसए के तहत किसी भी व्यक्ति को 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है। अगर अधिकारियों को लगता है कि कोई व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा या कानून के लिए खतरा है, तो उसके खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए थे कि एनएसए का उपयोग उन अपराधियों के खिलाफ किया जाए, जो सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करते हैं। सीएम ने कहा था कि एनएसए से अपराधियों में खौफ होगा और आम जनमानस में सुरक्षा की भावना उत्पन्न होगी। यूपी प्रिवेंशन काऊ स्लॉटर एक्ट के उल्लंघन से जुड़े 1716 मामले 26 अगस्त तक यूपी में एनएसए के तहत दर्ज किए गए हैं।