NSG सदस्यता में चीन खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में
एजेंसी/ पेइचिंग। अब तक चीन पाकिस्तान को छुप-छुपा कर सपोर्ट करता था, लेकिन अब चीन खुलकर पाकिस्तान के समर्थन में आया है। मंगलवार को चीन ने पाकिस्तान के परमाणु रिकॉर्ड का बचाव करते हुए कहा कि परमाणु प्रसार के जनक ए क्यू खान को सरकार का समर्थन नहीं मिला।
चीन ने आगे कहा कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप की सदस्यता के लिए जितनी छूट भारत को दी जाती है, उतनी पाकिस्तान को भी दी जानी चाहिए। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि भारत एनएसजी में शामिल होने के लिए प्रयासरत है, लेकिन पाकिस्तान को उसका खराब परमाणु रिकॉर्ड रोकता है।
वास्तव में पाकिस्तान की ओर से जो परमाणु प्रसार किया गया, वो पाकिस्तान के प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान ने किया था। खथान द्वारा किया गया परमाणु प्रसार पाकिस्तान सरकार की नीतियों के अनूरुप नहीं था। खान को कई वर्षो तक घर में नजरबंद करके रखा गया और फिर दंडित किया गया।
यदि भारत को एनपीटी में छूट दी जाती है, तो पाकिस्तान को भी दी जानी चाहिए। इस लेख का शीर्षक है भारत के एनएसजी में शामिल होने में चीन नहीं है बाधा। लेख में कहा गया है कि चीन पाकिस्तान को बाहर रखकर भारत को शामिल करने के खिलाफ है।
यदि भारत सदस्यता हासिल करने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाता है, तो यह ज्यादा प्रासंगिक लगता है। लेख में कहा गया है कि 1998 मनें भारत-पाक दोनों ने परमाणु परीक्षण किए थे और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इसकी निंदा की थी। लेख में कहा गया है कि यदि भारत-पाक को एनएसजी से जोड़ा जाता है, तो इससे दोनों के अधिकारों में कमी आएगी।
इसके बाद उतर कोरिया, इजरायल व ईरान जैसे देशों के परमाणु हथियारों से कैसे निपटा जाएगा। बीते दिनों विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में एंट्री को लेकर चीन भारत की राह में बाधा नहीं डाल रहा है। हांला कि उन्होने साफ किया कि चीन प्रक्रिया की बात कर रहा है, न कि एंट्री का विरोध कर रहा है।
पाकिस्तान की सदस्यता पर बोलते हुए सुषमा ने कहा कि फिलहाल भारत एनएसजी का सदस्या नहीं हैंतो वो कैसे किसी देश की एंट्री का विरोध कर सकता है। उन्होने कहा कि एंट्री सबको उसकी योग्यता के अनुसार मिलना चाहिए।