आतंकवाद के मुद्दे पर भारत लगातार पाकिस्तान के संपर्क में है, संबंध अभी खराब नहीं हुए हैं न ही एनएसए स्तर की वार्ता अभी बंद हुई है। लेकिन आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। यह कहना है विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का। जिन्होंने भारत-पाक संबंध और दोनों देशों के बीच बातचीत ठप होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा दोनों देशों के अधिकारी लगातार संपर्क में हैं।
भारत और पाकिस्तान के एनएसएस ने बैंकाक में मुलाकात की थी जो आगे भी जारी है, दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच भी रिश्ते पहले से सहज हुए हैं। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज मंत्रालय की सालाना प्रेस कान्फ्रेंस में पत्रकारों को संबोधित कर रहीं थी। इस दौरान उन्होंने भारत की विदेश नीति को लेकर उठ रहे सवाल और एनएसजी पर चीन के रवैये पर भी भारत की स्थिति स्पष्ट की।
सुषमा स्वराज ने साफ किया कि चीन एनएसजी पर भारत के विरोध में नहीं है, केवल चयन की प्रक्रिया को लेकर उसकी कुछ आपत्तियां हैं। स्वराज ने उम्मीद जताई की भारत जल्द इस मुद्दे पर चीन को राजी करने में सफल होगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर भारत साल के अंत तक दुनिया के सभी देशों से संपर्क करेगा, जिससे एनएसजी के लिए समर्थन हासिल किया जा सके। मैं खुद 23 देशों के संपर्क में हूं।
वैश्विक स्तर पर भारत की सदस्यता के लिए माहौल बन रहा है। इसलिए हम पूरा प्रयास कर रहे हैं कि साल के अंत तक भारत एनएसजी के सदस्य देशों में शामिल हो जाएं। भारत भी एनएसजी में किसी देश की सदस्यता का भी विरोध नहीं करेगा।