इंदौर में 24 घंटे के भीतर कोरोना वायरस मरीजों की संख्या हुई दोगुनी
इंदौर। भारत में स्वच्छता के मामले में देश के नंबर वन शहर इंदौर पर इस वक्त कोराना (Covid-19) सबसे अधिक कहर बरपा रहा है। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस का पहला मरीज 20 मार्च को मिलने के बाद अब तक 251 सैम्पल लिए गए, जिसमें से आज शुक्रवार तक 26 केस पॉजिटिव आ चुके हैं। इनमें सिर्फ 15 मरीज अकेले इंदौर के हैं। इंदौर में 24 घंटे के भीतर मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने इंदौर में कोरोना के 5 नए मरीज मिलने की पुष्टि की है।
अब तक मध्य प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव के 26 मरीजों में से भोपाल में 2, ग्वालियर में 1, शिवपुरी में 1, इंदौर में 15, उज्जैन में 1 और जबलपुर में 6 मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश के इस शहर में जिस तेजी से कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं, उससे पूरे प्रशासन में हड़कंप मचा है। शुरुआत के पहले 54 दिनों में यहां कोई केस सामने नहीं आया था लेकिन पिछले 3 दिन से लगातार 5-5 केस सामने आ रहे हैं। प्रशासन ने संक्रमितों के घर से तीन किमी. के दायरे को कंटेंटमेंट जोन और पांच किलोमीटर के दायरे को बफर जोन घोषित कर दिया है। कुछ लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस युवाओं पर अधिक असर नहीं करता और इसका शिकार अधिकतर बुजुर्ग और बच्चे ही हो रहे हैं, लेकिन यह गलत साबित होता दिख रहा है क्योंकि शहर में 18 साल की एक लड़की भी कोरोना संक्रमित पाई गई है।
एक दिन पूर्व गुरुवार की रात को इंदौर में मिले नए 5 नए मरीजों की हालत स्थिर बनी हुई है। इसके एक दिन पूर्व बुधवार और मंगलवार को कोरोना के 10 संक्रमित मरीज पाए गए थे। प्रशासन अलर्ट पर है और उनके नजदीकी और करीबी लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इनके संपर्क में संक्रमण के बाद से 69 लोग आ चुके हैं जिनकी भी स्वास्थ्य विभाग स्क्रीनिंग कर रहा है। प्रशासन ने उन सभी क्षेत्रों को निषेध एरिया बना दिया है जहां-जहां से कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। मरीजों के घर से तीन किमी. तक के दायरे में किसी भी व्यक्ति को बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। यहां रहने वाले ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो जानकारी लगते ही स्वयं ही होम क्वारेंटाइन हो गए हैं। ऐसे सभी लोगों की संख्या लगभग आठ हजार के करीब है।
सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि कोरोना वायरस फर्स्ट और सेकंड स्टेज को पार कर चुका है। भारत के कुछ राज्यों में इसकी थर्ड स्टेज की स्थिति आ पहुंची है, ऐसे में सबसे अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। डॉ. जड़िया का साफ कहना है कि शासन स्तर पर लॉकडाउन और कर्फ्यू का ऐलान भले ही कर दिया गया हो, लेकिन कोरोना को तब तक समाप्त नहीं किया जा सकता जब तक कि लोग स्वयं से ही इसके प्रति सचेत होकर अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में बदलाव नहीं लाते हैं। संक्रमण रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन, भारत सरकार व राज्य सरकार की गाइड लाइंस को मानना चाहिए।