नई दिल्ली : भिंडी भारत में खायी जाने वाली बहुतायत सब्जियों में शुमार होती है। अधिकांश घरों में भिंडी की सब्जी एक समय के भोजन में जरूर बनाई जाती है। ज्यादातर महिलाएँ सुबह के नाश्ते में भिंडी बनाना पसन्द करती हैं। एक तो यह बनाने में आसान होती है दूसरे बच्चों के लंच बाक्स में इसे भेजना भी आसान होता है। भिंडी को हम आलू के साथ, प्याज के साथ और सादा तरीके से भी बना सकते हैं। इसी के चलते भिंडी हर भारतीय रसोई में प्रमुख रूप से पाई जाने वाली सब्जियों में शुमार होती है। भिंडी में आयरन, कैल्शियम, सोडियम, जिंक, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, मैग्नीशियम, सेलेनियम और मैंगनीज जैसे कई पोषक तत्व मौजूद है। इन मिनरल्स के कारण ही यह सब्जी बच्चों को भी बहुत खिलाई जाती हैं। स्वाद में लाजवाब हरे रंग की छोटी-सी भिंडी के औषधीय गुण कई हैं।
इसमें पाया जाने वाला विटामिन-बी नए सेल्स के निर्माण में फायदेमंद हो सकता है। साथ ही इसका सेवन करने पर स्पाइना बिफिडा (रीढ़ का विकास ठीक से न हो पाना) जैसे जन्म दोष को रोकने में और इसमें मौजूद विटामिन-सी बच्चे के विकास में मददगार हाे सकता है। भिंडी में फोलेट की भी मात्रा पाई जाती है। फोलेट एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जो भ्रूण के मस्तिष्क के विकास को बढ़ा सकता है। हालांकि, गर्भावस्था में अगर भिंडी खाने का मन हो, तो एक बार अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर लें।
मधुमेह की समस्या एक आम समस्या है, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर के बढ़ने के कारण होती है। भिंडी का उपयोग इस समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है। शोध के अनुसार भिंडी में एंटी डायबिटीज और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं, जो रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। भिंडी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम होता है, जिस वजह से इसका सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता है। इसके अलावा, इसमें पाया जाने वाला फाइबर रक्त के ग्लूकोज को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकता है। इसी वजह से मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भिंडी उत्तम आहार हो सकती है।
अच्छी सेहत के साथ ही भिंडी का उपयोग आंखों की बेहतर रोशनी के लिए भी किया जा सकता है। एक शोध पत्र के अनुसार, भिंडी में बीटा कैरोटीन जो शरीर में जाकर विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है, जो कि आंखाें की रोशनी को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके साथ ही भिंडी का उपयोग दृष्टि में सुधार और आंखों से संबंधित कई बीमारियों को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
भिंडी में लेक्टिन नाम का स्पेशल प्रोटीन पाया जाता है। इससे कैंसर के इलाज में मदद मिल सकती है। रिसर्च बताते हैं कि कैंसर सेल्स या ट्यूमर को बढ़ने से यह तत्व रोकता है। रिपोर्ट बताता है कि, भिंडी खाने से लंग्स कैंसर, पैंक्रियाटिक कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, ल्यूकेमिया, कोलोरेक्टल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, किडनी कैंसर, ब्लैडर कैंसर, सिर-गर्दन का कैंसर, थायरॉइड कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, यूटेराइन कैंसर समेत कई तरह कैंसर का इलाज हो सकता है।
कब्ज की समस्या एक ऐसी समस्या है, जिसमें मल त्यागने में कठिनाई होती है और इस के कारण पेट जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। भिंडी का सेवन कब्ज के लिए रामबाण का काम कर सकता है। भिंडी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो आहार को पचा कर कब्ज जैसी समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। ऐसे में भिंडी के रूप में फाइबर का सेवन करना कब्ज के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
भिंडी खाने वालों को दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। भिंडी में लिपिड प्रोफाइल कम करने वाले गुण पाए जाते हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ट्राइग्लिसराइड के मरीज अगर भिंडी खाए तो उन्हें हार्ट अटैक, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट फेलियर, एंजाइना जैसी दिल की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
रक्तचाप का बढ़ना भी आज एक आम समस्या हो गई है। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए भिंडी का सेवन एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया कि भिंडी के बीज के अर्क में पाया जाने वाला एंटी हाइपरटेंसिव इफेक्ट बढ़ते रक्तचाप की समस्या को नियंत्रित करने में योगदान दे सकता है। बेशक, भिंडी का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है, लेकिन इसकी गंभीर स्थिति होने पर डॉक्टर से सलाह लेना ही फायदेमंद हो सकता है।