भुवनेश्वर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल पर स्थिति का जायजा लेने के बाद दुर्घटना में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए बालासोर के एक अस्पताल पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल की स्थिति का जायजा लिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने घटनास्थल से कैबिनेट सचिव और स्वास्थ्य मंत्री से बात की। उन्होंने उनसे घायलों और उनके परिवारों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने को कहा।
उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि शोक संतप्त परिवारों को असुविधा का सामना न करना पड़े और प्रभावितों को आवश्यक सहायता मिलती रहे। दक्षिण पूर्व रेलवे ने शनिवार को बताया कि ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार रात हुई ट्रेन दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 261 हो गई है, जबकि लगभग 900 लोग घायल हुए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार सुबह दुर्घटना स्थल का दौरा किया और घोषणा की कि विस्तृत उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और रेल सुरक्षा आयुक्त द्वारा एक स्वतंत्र जांच की जाएगी।
शुक्रवार शाम हुए हादसे में एक मालगाड़ी और दो यात्री गाड़ियां शामिल थीं। दुर्घटना में कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीटी-हावड़ा सुपर फास्ट एक्सप्रेस के 17 डिब्बे पटरी से उतर गए। यह पिछले 15 वर्षों में देश की सबसे खराब रेल दुर्घटनाओं में से एक है। दक्षिण पूर्व रेलवे ने एक बुलेटिन में कहा: ट्रेन संख्या 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस और ट्रेन संख्या 12864 सर एम विश्वेश्वरैया-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 2 जून को शाम लगभग 6.55 बजे बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास पटरी से उतर गई।
खड़गपुर और भद्रक से चिकित्सा उपकरणों, डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ दुर्घटना राहत ट्रेनें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 261 लोगों की मौत हुई है। लगभग 650 घायल यात्रियों को गोपालपुर, खंटापारा, बालासोर, भद्रक और सोरो के अस्पतालों में ले जाया गया है।
दुर्घटना स्थल पर मीडिया से बात करते हुए वैष्णव ने कहा, हमारा ध्यान बचाव और राहत कार्यों पर है। जिला प्रशासन से मंजूरी मिलने के बाद इस मार्ग पर रेल सेवा की बहाली शुरू होगी। एक विस्तृत उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और रेल सुरक्षा आयुक्त भी स्वतंत्र जांच करेंगे। एसई रेलवे ने यह भी कहा कि वैष्णव बचाव कार्यों और बहाली के काम की देखरेख कर रहे हैं।
इस बीच, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष कटक अस्पताल में हैं और रेलवे बोर्ड के स्वास्थ्य महानिदेशक बालासोर अस्पताल में हैं, जो घायल यात्रियों के इलाज की निगरानी कर रहे हैं। रेलवे के अनुसार, कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी, जबकि सर एम विश्वेश्वरैया-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस 1,000 यात्रियों के साथ हावड़ा की ओर आ रही थी।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हादसा उस समय हुआ जब कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए और एक छोड़ पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई जबकि कुछ डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गए। उस पटरी पर एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस यशवंतपुर की तरफ से आ रही थी और हावड़ा की ओर जा रही थी। एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस पलटे हुए डिब्बों से टकराई और बड़ा हादसा हो गया।
दुर्घटनास्थल के ²श्यों से पता चलता है कि कैसे दो ट्रेनों के डिब्बे एक-दूसरे पर पलट गए। एनडीआरएफ और कई अन्य एजेंसियों ने क्षतिग्रस्त डिब्बों से बचे लोगों को बाहर निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया। ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि 30 बसों के साथ 200 से अधिक एंबुलेंस को सेवा में लगाया गया है।
उन्होंने यह भी कहा कि एनडीआरएफ की सात टीमों, ओडीआरएएफ की पांच टीमों और 24 अग्निशमन इकाइयों, स्थानीय पुलिस और स्वयंसेवकों ने रात भर क्षतिग्रस्त डिब्बों के ढेर में फंसे लोगों और शवों की तलाश जारी रखी। रेलवे ने सीआरएस/एसई सर्किल ए.एम. चौधरी द्वारा जांच की भी घोषणा की है। दिल्ली में रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पूरे मलबे की छानबीन के बाद ही हताहतों की सही संख्या स्पष्ट हो सकेगी।