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दिल्ली की सड़कों पर फिर दिखेंगी ओला-उबर, LG ने बाइक टैक्सी चलाने को दी मंजूरी

नई दिल्ली: दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने का रास्ता साफ हो गया है। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मोटर वाहन एग्रीग्रेटर व डिलिवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 को मंजूरी दे दी है। परिवहन विभाग जल्द इसकी अधिसूचना जारी करेगा। नीति के तहत ऐप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों (ओला-उबर) को परिचालन के लिए लाइसेंस लेना होगा। इसके अलावा डिलीवरी सेवा से जुड़ी (जुमैटो, स्विगी, अमेजॉन) जैसी कंपनियों को भी लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते माह 18 अक्तूबर को एग्रीग्रेटर योजना को मंजूरी देकर एलजी के पास भेजा था। एलजी ने इसे हरी झंडी दे दी है। अधिसूचना जारी होने के 90 दिनों के अंदर ही ओला, उबर, जुमैटो, स्विगी जैसी ऐप आधारित टैक्सी व डिलीवरी सेवा प्रदाता कंपनियों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। जिनके बेड़े में 25 या अधिक मोटर वाहन (दो, तीन और चार पहिया, बसों को छोड़कर) शामिल होंगे, उन्हें लाइसेंस लेना होगा।

दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाने की मंजूरी दी गई, लेकिन वह सिर्फ इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी होगी। इसके अलावा रेंट ए बाइक जैसी योजना का प्रावधान भी किया गया है, जोकि गोवा व हरिद्वार जैसे शहरों में पहले से चलती हैं। इस योजना के तहत लाइसेंस लेने के बाद सभी वाहनों में सुरक्षा के मद्देनजर जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा। यात्री टैक्सी के अंदर पैनिक बटन की सुविधा भी देनी होगी।

ऐप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों को लेकर सख्त नियम बनाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है। 24 घंटे 7 दिन वाला कंट्रोल रूम होगा। हर शिकायत का निपटारा करना होगा। टैक्सी के जीपीएस लोकेशन को परिवहन विभाग के साथ शेयर करना होगा। दिल्ली सरकार का कहना है कि मोटर वाहन एग्रीग्रेटर व डिलिवरी सेवा प्रदाता योजना 2023 वायु प्रदूषण के खिलाफ दिल्ली की जंग में मील का पत्थर साबित होगी।

एग्रीगेटर्स नीति में डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को समयबद्ध तरीके से शून्य उत्सर्जन वाले इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलना अनिवार्य किया है। इस योजना के तहत दिल्ली में सभी एग्रीगेटर्स को अपना पूरा बेड़ा 2030 तक इलेक्ट्रिक करना होगा। इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ लाइसेंस लेने वालों को कोई शुल्क नहीं लगेगा।

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