राज्यस्पोर्ट्स

ओलंपिक : कुश्ती में इन खिलाड़ियों पर निगाह, जीत सकते है पदक

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक में भारत के सात पहलवान अपने सफ़र का आगाज करेंगे तो सभी निगाहें बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट पर होंगी, जिन्होंने ओलंपिक से पहले बेहतरीन प्रदर्शन करके पदक की उम्मीदें जगाई हैं. कुश्ती में भारत के सफ़र का आगाज मंगलवार को सोनम मलिक करेंगी.

कुश्ती में भारत को तीन पदक की उम्मीद है और अगर पहलवान तीन पदक जीतने में विफल रहते हैं तो इसे कमतर प्रदर्शन माना जाएगा. बजरंग (65 किग्रा फ्रीस्टाइल) और विनेश (महिला 53 किग्रा) के अलावा रवि दाहिया (57 किग्रा फ्रीस्टाइल) से अगले कुछ दिनों में कुश्ती के मैट पर पदक जीतने की उम्मीद है.

भारत की तरफ से 19 वर्षीय सोनम सबसे पहले महिला 62 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करने वाली है. उन्हें एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता मंगोलिया की बोलोरतुया खुरेलखू से मैच होगा. सोनम और 19 वर्षीय की एक अन्य पहवान अंशू मलिक दोनों सीनियर सर्किट पर नई प्लेयर हैं और ऐसे में विरोधी प्लेयर्स को उनके खेल की ज्यादा जानकारी नहीं है.

भारतीय पहलवान विरोधियों को हैरान कर सकती हैं. अंशू ने अच्छा प्रदर्शन किया है और उनके खेल में लगातार सुधार हुआ है. इन दोनों ही प्लेयर्स पर दबाव नहीं है और अगर ये पदक के बिना भी लौटती हैं तो इन्हें भविष्य में यहां मिलने वाले अनुभव से फायदा ही होगा. सीनियर पहलवान विनेश अपनी स्पर्धा में शीर्ष वरीय पहलवान के रूप में उतरेंगी और जापान की मायू मुकाइदा के अलावा वो सभी विरोधियों को हराने में सक्षम हैं.

विनेश के वर्ग में प्रतिस्पर्धा कड़ी होगी. विनेश का डिफेंस बेहतर हुआ है और उनकी पलटवार करने की क्षमता का कोई सानी नहीं है. उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप में खिताब जीतने के दौरान इसे दिखाया भी है. एशियाई चैंपियनशिप और अन्य टूर्नामेंटों में जापान और चीन की पहलवानों ने भाग नहीं लिया था. पुरुष वर्ग में भारतीय चुनौती की अगुवाई बजरंग करेंगे जो विश्व स्तर पर सम्मानित पहलवान हैं. बजरंग ने अपने पिछले 10 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में छह गोल्ड, तीन रजत और एक कांस्य पदक जीता है.

बजरंग का स्टेमिना उनका पलड़ा भारी करता है लेकिन उनके पैर के डिफेंस की परीक्षा होगी. उनके वर्ग में काफ कड़ी प्रतिस्पर्धा है और कम से कम पांच से छह पहलवान गोल्ड जीतने में समक्ष हैं. रवि भी पदक के दावेदार हैं. उनके पास मजबूती और स्टेमिना है उनका तकनीकी पक्ष भी मजबूत है. उनके अपने ज्यादातर मैच तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते हैं. उनके वर्ग में रूस ओलंपिक समिति के जावुर उगयेव और तुर्की के सुलेमान अतली मजबूत प्रतिद्वंद्वी हैं.

टूर्नामेंट में खेलने का टाइम मिलने के लिहाज से दीपक पूनिया (86 किग्रा फ्रीस्टाइल) संभवत: पूरी तैयारी के साथ नहीं उतर रहे. विश्व चैंपियनशिप 2019 के रजत पदक विजेता दीपक ने विश्व कप 2020 के बाद से टूर्नामेंट में भाग नहीं लिया है. वो बाईं कोहनी की चोट से उबर रहे थे और पोलैंड ओपन से उन्होंने नाम वापस लिया. ओलंपिक से पहले पोलैंड ओपन अंतिम टूर्नामेंट था.

Related Articles

Back to top button