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ओलंपिक : डिस्कस थ्रोअर कमलप्रीत से मैडल की आस, एक समय खेलने लगी थी क्रिकेट

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक में रविवार को बैडमिंटन में पीवी सिंधु के कांस्य पदक जीतने के बाद अब सोमवार को भारतीय एथलीट कमलप्रीत कौर से पदक की उम्मीद की जा रही है. ओलंपिक में महिला डिस्कस थ्रो के फाइनल में कमलप्रीत कौर ने जगह बनायी है. हालांकि मानसिक स्वास्थ्य पर कोरोना लॉकडाउन के असर से उबरने के लिए उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था.

कमलप्रीत कौर अब भारत को ओलंपिक में एथलेटिक्स में पदक दिलाकर इतिहास रचने से कुछ कदम दूर हैं. उन्होंने शनिवार को 64 मीटर दूर डिस्कस थ्रो कर दो अगस्त को खेले जाने वाले फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया. महिला डिस्कस थ्रो का फाइनल दो अगस्त को भारतीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे से होगा. वैसे 25 वर्षीय कमलप्रीत कौर पंजाब की काबरवाला गांव की रहने वाली हैं. उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ.

वही कोरोना की वजह से कोई टूर्नामेंट न होने के चलते वो पिछले वर्ष डिप्रेशन जैसा महसूस करने लगी थीं और फिर अपने गांव में क्रिकेट खेलना शुरू किया था. कमलप्रीत की कोच राखी त्यागी ने एक समाचार एजेंसी से बोला कि, गांव के पास ही बादल में एक साई केंद्र में 2014 से पिछले वर्ष तक ट्रेनिंग होती थी लेकिन कोरोना की वजह से सब कुछ बंद होने से उसे डिप्रेशन लगने लगा. वो टूर्नामेंट खासकर ओलंपिक में भाग लेना चाहती थीं.

वही ये सच है कि उसने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, उसने ऐसा किसी टूर्नामेंट या पेशेवर क्रिकेटर बनने के लिए नहीं किया. वो सिर्फ अपने गांव के मैदान मे ही क्रिकेट खेल रही थी. भारतीय खेल प्राधिकरण की कोच राखी त्यागी ओलंपिक के लिए कमलप्रीत के साथ टोक्यो नहीं जा सकीं, उन्हें लगता है कि कौर अगर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती हैं, तो इस बार पदक जीत सकती हैं.

उन्होंने बोला कि, मैं उससे रोज बात करती हूं, वो नर्वस थी, क्योंकि ये उसका पहला ओलंपिक था और मैं भी उसके साथ नहीं हूं. मैंने उससे बोला कि वो दबाव न ले और उसे अपना सर्वश्रेष्ठ दें. मुझे लगता है कि 66 या 67 मीटर उसे और देश को एथलेटिक्स का पदक मिल सकता है. वैसे शनिवार को कमलप्रीत ने पूल बी में पहले प्रयास में 60.29 , दूसरे में 63.97 और आखिर में 64 मीटर का थ्रो फेंका था. कमलप्रीत अगर इसी प्रदर्शन को दोहरा सकी तो मैडल जीत सकती हैं.

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