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ओलंपिक : टेनिस में सुमित नागल ने जीत के साथ बनाया ये खास रिकॉर्ड

स्पोर्ट्स डेस्क : टोक्यो ओलंपिक में 25 वर्ष में पुरुष सिंगल टूर्नामेंट में जीत हासिल करने वाले सुमित नागल तीसरे भारतीय टेनिस प्लेयर हुए. उन्होंने डेनिस इस्तोमिन को दो घंटे 34 मिनट तक चले मैच में तीन सेटों में 6-4, 6-7, 6-4 से हराया. अब उनका मैच दूसरे दौर में दुनिया के दूसरे नंबर के प्लेयर आस्ट्रेलियाई ओपन के उप विजेता दानिल मेदवेदेव से होगा. मेदवेदेव ने कजाखस्तान के अलेक्सांद्र बुबलिक को 6-4, 7-6(8) से मात दी.

नागल ओलंपिक से पहले अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे. उन्हें पहले सेट के छठे गेम में इस्तोमिन की सर्विस तोड़ने का अवसर मिला जो उन्होंने गंवा दिया. इस्तोमिन की सर्विस तोड़कर उन्होंने पहला सेट जीता. दूसरे सेट में भी वह 4-1 से आगे थे, दबाव उन पर हावी हो गया और अपनी सर्विस नहीं बचा सके. इस्तोमिन ने मैच टाइब्रेकर तक खींचा. आखिरी सेट में नागल ने लय बरकरार रखी.

ओलंपिक में जीशान अली ने सियोल ओलंपिक 1988 की टेनिस पुरुष सिंगल्स में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को मात दी थी. उसके बाद लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को मात देकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक अपने नाम किया था. इसके बाद कोई भारतीय प्लेयर ओलंपिक में सिंगल्स मैच नहीं जीत पाया. सोमदेव देववर्मन और विष्णु वर्धन लंदन ओलंपिक 2012 में पहले दौर में ही हारे थे.

नागल ने मैच के बाद बोला कि, दूसरा सेट 5-3 से गंवाने के बाद इस तरह के गर्म मौसम में लौटना आसान नहीं था. मैं देश की ओर से खेल रहा था और इससे मुझे प्रेरणा मिली. मैं नहीं जानता कि यदि मैं चैलेंजर में खेल रहा होता तो मैं क्या करता. मैं कोर्ट से खुश होकर लौटा. उन्होंने आगे बोला कि, यहां वास्तव में गर्मी और उमस है.

ऐसे मौसम में खेलना मुश्किल है विशेषकर दोपहर 12 बजे के आसपास स्थिति बुरी होती है. इसलिए मैं सर्विस पर ध्यान देने की कोशिश कर रहा था. ये चुनौतीपूर्ण है और मैं क्ले कोर्ट से हार्ड कोर्ट पर सामंजस्य बिठाने की कोशिश कर रहा हूं. नागल ने बोला कि, मैं बड़े कोर्ट पर वर्ल्ड के नंबर दो प्लेयर के खिलाफ इस मैच को लेकर उत्साहित हूं. इसके लिये हम टेनिस खेलते हैं. मैं इस मैच के लिये तैयार हूं.

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