
लखनऊ: 2022 के अंदर उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावों में चार से पांच महीने का समय शेष बचा है। ऐसे में प्रदेश के अंदर राजनीतिक दलों के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया है। तो वहीं, योगी सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाद पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ खड़े नजर आ सकते हैं। हालांकि, गठबंधन को लेकर राजभर ने शर्त रखी है। बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राजभर ने बीजेपी के साथ जाने के संकेत दे दिए हैं। इस दौरान राजभर ने 27 अक्टूबर को मऊ के हलधरपुर में वह बड़ी पंचायत करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पंचायत के दौरान यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सुभासपा के गठबंधन का एलान किया जाएगा। गठबंधन को लेकर राजभर ने प्रदेश में सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने, पूर्ण शराब बंदी सहित सात मांगे रखी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राजभर ने कहा कि हमारे मुद्दों के साथ जो पार्टी होगी, हम उसका साथ देंगे। हम पूरे प्रदेश में पूर्ण शराब बंदी, मुफ्त शिक्षा, न्याय समिति रिपोर्ट की सिफारिश लागू करने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। कहा कि सबका साथ-सबका विकास का दावा करने वाली बीजेपी, सपा, कांग्रेस और बसपा में से जो भी दल उनकी शर्तें स्वीकार करने को तैयार होगी, उसके साथ गठबंधन की घोषणा रैली में की जाएगी। हालांकि, उन्होंने बोलते हुए कहा कि भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा सहित जो भी दल सत्ता में रहे उन्होंने पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग की जातियो औरं गरीबों को उनका अधिकार नहीं दिया।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उन सभी जातियों को संगठित कर मोर्चा 2022 में यूपी में सरकार बनाने की कवायद में लगा है। अगर भाजपा समर्थन करती है तो उनका भी स्वागत है। राजनीति में संभावना बनी रहती है। इससे पहले राजभर ने दावा किया था कि भारतीय जनता पार्टी के 150 विधायक उनके संपर्क में हैं। 27 अक्टूबर तक बहुत सा परिदृश्य साफ हो जाएगा। उन्होंने का था कि वो 2017 में भारतीय जनता पार्टी के साथ थे, आज नहीं हैं। आज भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया है और 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।