महिला सशक्तिकरण के मिशन पर मोहन सरकार, लाडली बहनों को सरकार देगी घर
भोपाल : मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं, युवाओं, किसानों और गरीबों के लिए कई योजनाएं शुरू कर रही हैं। इसमें महिलाओं के लिए खास ध्यान दिया जा रहा है। सरकार महिलाओं के लिए पक्के मकान, वर्किंग वीमेन हॉस्टल और डे-केयर सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रही है। यह योजना नारी सशक्तिकरण मिशन का हिस्सा है। इस पर हजारों करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। वहीं, लाडली बहनों को भी सरकार घर देने जा रही है। मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कमर कस रही है। इसके लिए ‘नारी सशक्तिकरण मिशन’ तैयार किया गया है। इस मिशन के तहत महिलाओं को पक्के मकान दिए जाएंगे। कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाए जाएंगे। बच्चों की देखभाल के लिए डे-केयर सेंटर भी खोले जाएंगे।
पहले चरण में 15,650 एक और दो बीएचके मकान बनाए जाएंगे। हर ब्लॉक में 10 वन बीएचके और 40 टू बीएचके मकान बनाए जाएंगे। एक वन बीएचके मकान की अनुमानित लागत 20 लाख रुपए है। टू बीएचके मकान की अनुमानित लागत 35 लाख रुपये है। एक ब्लॉक में इन मकानों पर लगभग 16 करोड़ रुपए खर्च होंगे। पूरे प्रदेश के 313 ब्लॉक में लगभग 5,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह मकान उन महिलाओं को दिए जाएंगे, जिन्हें रहने के लिए पक्के मकान की जरूरत है।
कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार हर ब्लॉक में 50 कमरों का हॉस्टल बनाएगी। इस तरह पूरे प्रदेश में 313 हॉस्टल बनेंगे। एक हॉस्टल बनाने में 6 से 7 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सभी 313 हॉस्टल बनाने में लगभग 1900 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इन हॉस्टल में महिलाओं के लिए तमाम सुविधाएं होंगी। स्टडी टेबल, कुर्सी, अलमारी, वार्डरोब, अटैच्ड टॉयलेट जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। महिलाएं अपनी जरूरत और बजट के हिसाब से सिंगल, डबल या ट्रिपल शेयरिंग रूम चुन सकती हैं। हॉस्टल में बच्चों के लिए डे-केयर रूम भी होंगे। साथ ही, कॉमन किचन और डाइनिंग हॉल भी होगा। यहां कम कीमत पर अच्छा खाना मिलेगा। नाश्ता और चाय की सुविधा भी होगी। यह हॉस्टल उन महिलाओं के लिए बहुत मददगार साबित होंगे जो नौकरी करती हैं और उन्हें रहने के लिए सुरक्षित जगह की जरूरत होती है।
इसके अलावा, सरकार ब्लॉक स्तर पर डे-केयर सेंटर भी बनाएगी। यह उन माता-पिता के लिए बहुत फायदेमंद होगा जो दोनों कामकाजी हैं। वे अपने बच्चों को यहां सुरक्षित छोड़कर काम पर जा सकेंगे। ये डे-केयर सेंटर शाम तक खुले रहेंगे। यहां बच्चों के लिए सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। गौरतलब है कि उन्हीं लाडली बहनों को यह घर मिलेगा जो प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए पात्र नहीं होंगी। सरकार जल्द ही घर देने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।