नई दिल्ली । दिल्ली में नई शराब नीति के खिलाफ भाजपा और कांग्रेस ने जमकर प्रदर्शन किया, दोनों ही पार्टी आप के खिलाफ सड़कों पर उतरी हुई हैं। कांग्रेस आबकारी नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर मनीष सिसोदिया के इस्तीफे की मांग कर रही है, साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पटपड़गंज विधानसभा में इनके कैम्प कार्यालय का घेराव भी किया।
दूसरी ओर दिल्ली भाजपा ने आप कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान आरोप लगाया कि, दिल्ली में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान लोग ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे थे, तब केजरीवाल सरकार ने महामारी के बहाने निविदा लाइसेंस शुल्क पर शराब माफियाओं को 144.36 करोड़ रुपये की छूट दे दी।
प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा, सरकार 2022-23 के प्रथम तिमाही में 1484 करोड़ रुपये सरकारी राजस्व में मुनाफे का दावा किया था, लेकिन मुख्य सचिव द्वारा जारी रिपोर्ट में इस बात की पोल खुल चुकी है।
रिपोर्ट में साफ शब्दों में कहा गया है कि 1484 करोड़ रुपये में 980 करोड़ रुपये तो केजरीवाल सरकार ने शराब माफियाओं को ‘वापसी योग्य सुरक्षा जमा राशि’ के रुप में दे दिया। जबकि पिछले पांच सालों में 2017-18 से 2021-22 के दौरान दिल्ली सरकार को शराब के बिक्री से होने वाले राजस्व में 567.98 करोड़ रुपये की भारी घाटा हुआ है।
दरअसल दिल्ली में शराब नीति की सीबीआई जांच होगी, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश की, हालंकी यह सिफारिश एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद की गई है।
इस रिपोर्ट में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। दिल्ली का एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के अधीन है।