
नई दिल्ली : प्रसिद्ध कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को उनके एक सार्वजनिक बयान को लेकर न्यायालय से नोटिस जारी किया गया है. यह मामला महाकुंभ 2025 लेकर प्रयागराज में दिए गए एक विवादित वक्तव्य से जुड़ा है. शहडोल के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सीता शरण यादव ने उन्हें 20 मई को सुबह 11 बजे अदालत में हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.
दरअसल, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ को लेकर एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि “महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो भी नहीं आएगा वह पछताएगा और वो व्यक्ति देशद्रोही कहलाएगा.” इस बयान को कई लोगों ने आपत्तिजनक और उकसावे वाला माना गया है. शहडोल जिला न्यायालय के अधिवक्ता संदीप तिवारी (Sandeep Tiwari) ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया था.
संदीप तिवारी ने अपने परिवाद में उल्लेख किया कि इस प्रकार का बयान न केवल सामाजिक सद्भाव को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता और वैयक्तिक निर्णयों पर भी आघात करता है. उन्होंने तर्क दिया कि किसी भी व्यक्ति को महाकुंभ में शामिल होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता, और जो नहीं जाता उसे ‘देशद्रोही’ कह देना असंवैधानिक और अपमानजनक है.
न्यायालय ने प्रथम दृष्टया इस बयान को गंभीर मानते हुए धीरेंद्र शास्त्री को नोटिस जारी कर उनके समक्ष उपस्थित होने के आदेश दिए हैं. अब यह देखना होगा कि 20 मई को धीरेंद्र शास्त्री न्यायालय में क्या स्पष्टीकरण देते हैं और न्यायालय इस मामले में आगे क्या रुख अपनाता है. महत्वपूर्ण यह भी है कि धीरेंद्र शास्त्री अपने धार्मिक प्रवचनों और कथाओं के माध्यम से देशभर में बड़ी संख्या में अनुयायियों के बीच लोकप्रिय हैं. ऐसे में उनके बयान का व्यापक प्रभाव पड़ता है.