आज ही के दिन एक अश्वेत बना था पहला राष्ट्रपति
नेल्सन मंडेला को रंगभेद और अन्याय के खिलाफ लड़ाई के चलते 27 साल बिताने पड़े थे जेल में
नई दिल्ली : 1994 में आज के ही दिन यानि 10 मई को नेल्सन मंडेला लोकतांत्रिक चुनावों के बाद दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति चुने गए थे । रंगभेद की हार हुई थी आज के दिन और मानव गरिमा लोकतंत्र के यज्ञ में अफ्रीका को एक वरदान दे गई।
नेल्सन मंडेला ने राष्ट्रपति पद पर शपथ लेते हुए कहा था कि कभी नहीं, कभी नहीं और कभी नहीं यह खूबसूरत धरती कभी दूसरों के उत्पीड़न का अनुभव करेगी। अब स्वतंत्रता का राज होगा। मानवता के इससे बेहतर उपलब्धि के मौके पर सूरज कभी नहीं डूबेगा। ईश्वर अफ्रीका को आशीर्वाद दे।
नेल्सन मंडेला को रंगभेद और अन्याय के खिलाफ लड़ाई के चलते 27 साल जेल में बिताने पड़े थे। अंहिसा के रास्ते पर चलने वाले मंडेला ने अफ्रीका में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की ऐसी नींव रखी कि इन्हें 1993 में शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जब हम उनकी आत्मकथा लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम पढ़ते हैं तब हमें इस बात का आभास हो पाता है कि 27 साल जेल में रहना, यातनाएं सहना, पारिवारिक वियोग सहना और लोकतान्त्रिक मूल्यों और समानता के लिए चट्टान सा बनके संघर्ष करने का हिमालई प्रयास कैसे किया होगा नेल्सन मंडेला ने।
मंडेला महात्मा गांधी के विचारों से गहराई से प्रेरित थे। महात्मा गांधी की अहिंसा और असहयोग की विचारधारा ने मंडेला पर विशेष असर डाला था। वह अपने जीवन में गांधी के विचारों के प्रभाव की बात किया करते थे। 2007 में नई दिल्ली में हुए सम्मेलन में अपने विडियो संदेश में मंडेला ने कहा था, “दक्षिण अफ्रीका में शांतिपूर्ण बदलाव में गांधी की विचारधारा का योगदान छोटा नहीं है। उनके सिद्धांतों के बल पर ही दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की घृणित नीति के कारण जो समाज में गहरा भेदभाव था वह खत्म हो सका।”
नेल्सन मंडेला ने एक अवसर पर यह भी कहा था कि , “विकास और शांति को अलग नहीं किया जा सकता। शांति और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के बगैर कोई भी देश अपने गरीब और पिछड़े हुए नागरिकों को मुख्य धारा में लाने के लिए कुछ नहीं कर सकता।”
1994 में दक्षिण अफ़्रीका में रंगभेद रहित चुनाव हुए। अफ़्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62 प्रतिशत मत प्राप्त किये और बहुमत के साथ उसकी सरकार बनी और इसी के साथ 10 मई 1994 को मंडेला अपने देश के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने।