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“एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” है जी-20 का मंत्र – PM नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य जी-20 (G-20) का मंत्र है । यही विचार और मूल्य लेकर भारत (India) विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करेगा । भारत की अध्यक्षता न केवल इस देश के लिये ही यादगार होगी, बल्कि भविष्य भी इसे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवसर के रूप में आंकेगा । इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी। भारत 1 दिसंबर से आधिकारिक तौर पर G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।

इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि G-20 की अध्यक्षता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। हम अपने विभिन्न शहरों और राज्यों में बैठकें आयोजित करेंगे। हमारे अतिथियों को भारत की अद्भुदता, विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा । पीएम मोदी ने जी-20 समिट को संबोधित करते हुए आगे कहा कि जी-20 की जिम्मेदारी भारत ऐसे समय पर ले रहा है जब विश्व जियो पॉलिटिकल के तनाव, आर्थिक मंदी और पॉवर की बढ़ती कीमतों और दुनिया भर में आई महामारी के दुष्प्रभावों से संघर्ष कर रहा है। ऐसे समय में भारत विश्व जी-20 की तरफ आशा की नजर से देख रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत गरीबी के खिलाफ जंग में टेक्नोलॉजी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

जी-20 सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और और दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस संदर्भ में, जी-20 प्रेसीडेंसी भारत को महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर वैश्विक एजेंडा में योगदान करने का अनूठा अवसर प्रदान करती है। भारत एक तरफ विकसित देशों के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है तो दूसरी तरफ विकासशील देशों के विचारों को समझता है और उन्हें प्रभावी तरीके से व्यक्त करता है। इसी आधार पर भारत ‘ग्लोबल साउथ’ के अपने उन सभी मित्रों के साथ जो दशकों से विकास के पथ पर सहयात्री रहे जी 20 के अध्यक्षता का खाका तैयार करेगा।

जी 20 के अध्यक्ष के रूप मेंभारत पूरे वर्ष के लिए एजेंडा निर्धारित करेगा, विषयों की पहचान करेगा और क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा,चर्चाएं करवाएगा और उनके परिणामों के दस्तावेज प्रस्तुर करेगा। भारत विविध सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों जिनमें ऊर्जा, कृषि, व्यापार, डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और पर्यावरण से लेकर रोजगार, पर्यटन, भ्रष्टाचार विरोधी और महिला सशक्तिकरण तक शामिल हैं और ऐसे मुद्दे जो सबसे कमजोर और वंचितों को प्रभावित करते हैं की प्राथमिकताओं के बारे अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करेगा । प्रधान मंत्री की दृष्टि से निर्देशित,भारत की विदेश नीति वैश्विक मंच पर नेतृत्व देने वाली भूमिका तैयार करने की है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत 01 दिसंबर, 2022 को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा । पूरे भारत में कई स्थानों पर 32 विभिन्न क्षेत्रों की करीब 200 बैठकें होंगी ।

इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में डिजिटल परिवर्तन पर तीसरे सत्र में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों के भारत के अनुभव ने हमें दिखाया है कि अगर हम डिजिटल आर्किटेक्चर को समावेशी बनाते हैं, तो यह सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन ला सकता है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि अगले वर्ष अपनी जी-20 अध्यक्षता के दौरान, भारत इस उद्देश्य की दिशा में जी-20 भागीदारों के साथ संयुक्त रूप से काम करेगा।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि भारत में हम डिजिटल पहुंच को सार्वजनिक कर रहे हैं, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभी भी एक बड़ा डिजिटल विभाजन है। दुनिया के अधिकांश विकासशील देशों के नागरिकों के पास किसी तरह की डिजिटल पहचान नहीं है। केवल 50 देशों में डिजिटल भुगतान प्रणाली है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पहुंच के लाभ तभी महसूस होंगे जब डिजिटल पहुंच वास्तव में ये समावेशी हो और इसका उपयोग वास्तव में व्यापक हो… यह हम जी-20 नेताओं की जिम्मेदारी है कि डिजिटल परिवर्तन के लाभ मानव जाति के एक छोटे से हिस्से तक ही सीमित न रहें।

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