रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर में एक लड़की के साथ दुष्कर्म की खबर सामने आई है। जबकि 5 अन्य लड़कियों के साथ दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र में छेड़छाड़ की गई। हालांकि, इस मामले में अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है। जशपुर की अतिरिक्त एसपी प्रतिभा पांडे ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली है और पीड़ित लड़कियों को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। हम 2 आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशिक्षण केंद्र के एक चैकीदार के भी इसमें शामिल होने की बात सामने आ रही है।
वहीं पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की एक सत्र अदालत द्वारा अपने फैसले में दुष्कर्म पीड़िता का नाम लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने अप्रसन्नता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी अधीनस्थ न्यायालयों को ऐसे मामलों से निपटते समय सावधानी बरतनी चाहिए। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह पूरी तरह स्थापित है कि किसी कार्यवाही के दौरान पीड़िता के नाम का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ कहा था कि हम सत्र न्यायाधीश के फैसले पर अप्रसन्नता जताते हैं, जहां पीड़िता के नाम का उल्लेख किया गया है। पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस विनीत शरण और एमआर शाह शामिल थे। पीठ ने अपने आदेश में कहा, हमारा मानना है कि सभी अधीनस्थ अदालतों को भविष्य में इस प्रकार के मामलों से निपटने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। न्यायालय ने अपने आदेश में यह बात कही और दोषी की ओर से दाखिल याचिका खारिज कर दी थी। याचिका में दुष्कर्म के मामले में उसे दोषी ठहराने के छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी।
पीठ ने कहा, ‘मामले के तथ्य के अनुसार हम इस विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई नहीं करना चाहते। याचिका खारिज की जाती है। हाई कोर्ट ने दिसंबर 2019 के अपने फैसले में दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी थी।