जयपुर : बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डॉ चंद्रभान ने कहा कि देश में आजादी के पहले और बाद जहां खाने के लिए अनाज, पीने के लिए शुद्ध पानी, शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं थी वहीं आजादी के 75 वर्षों में अब हर क्षेत्र में विकास व प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रम देश से गरीबी हटाने का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जिसका मुख्य उद्देश्य वंचित, पिछड़ों, आर्थिक व सामाजिक रूप से शोषित वर्ग के जीवन स्तर में सुधार करना है। इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2006 से 2021 के बीच देश में और राजस्थान में बेहतरीन काम हुआ है और लगभग 41 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं।
बीसूका उपाध्यक्ष शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बीस सूत्री कार्यक्रम एवं फ्लैगशिप योजनाओं की जयपुर जिले की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में गत वित्तीय वर्ष 2021- 22 व वर्तमान वित्तीय वर्ष में अक्टूबर माह तक बीस सूत्री कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की गई। डॉ चंद्रभान इससे पहले 26 जिलों का दौरा कर कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा कर चुके हैं।
जयपुर जिले में हुए कार्यों की समीक्षा करते हुए डॉ चंद्रभान ने कहा कि जयपुर प्रदेश की राजधानी और सबसे बड़ा जिला है। अतः यहां विकास व सुधार की गुंजाइश ज्यादा है और कार्यक्रम के प्रभावी संचालन में जिला अधिकारियों की जिम्मेदारी भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर व विभागों से विभिन्न योजनाओं से संबंधित आंकड़ों में अंतर होने पर कार्यक्रम की क्रियान्वित व वित्तीय आकलन पर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने अधिकारियों को योजना के आंकड़ों में एकरूपता रखने के निर्देश दिए।
योजनाओं का हो प्रभावी प्रचार प्रसार-बीसूका उपाध्यक्ष ने कहा कि किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए लोकतंत्र में जनता का सहयोग आवश्यक है। अतः सभी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए और इसके लिए जनप्रतिनिधि व अधिकारी मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाएं आमजन के लिए होती हैं। इन योजनाओं की जानकारी व सूचना ही आमजन को शक्तिशाली बना सकती है।
देश अत्यंत गरीबी से ऊपर-डॉ चंद्रभान ने कहा कि वर्ल्ड बैंक के अनुसार 172 रूपये प्रतिदिन कमाने वाला व्यक्ति अत्यंत गरीब है लेकिन भारत अत्यंत गरीबी से ऊपर उठ चुका है। मनरेगा ने लोगों का रोजगार सुनिश्चित कर आर्थिक सुदृढ़ता दी है। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के सर्वे में भी वर्ष 2006 से 2021 के मध्य गरीबी हटाने को लेकर हमारे देश में अच्छा काम किया गया है और बीसूका गरीबी हटाने के प्रमुख कार्यक्रम के रूप में सामने आया है।
कार्यक्रम को और मजबूत बनाने की आवश्यकता-बीसूका उपाध्यक्ष ने कहा कि बीस सूत्री कार्यक्रम केंद्र प्रवर्तित कार्यक्रम है और इस कार्यक्रम को और अधिक मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा कार्यक्रम के तहत संचालित योजनाओं में रैंकिंग को बंद कर दिया गया है और योजनाओं के टारगेट भी समय पर नहीं दिए जाने से क्रियान्विति में विलंब होता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में उन्होंने भारत सरकार को समय पर टारगेट देने के लिए पत्र भी लिखे हैं।
इन योजनाओं की समीक्षा की -डॉ चंद्रभान ने बैठक में मनरेगा, राजीविका, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), शुद्ध पेयजल, आईसीडीएस परियोजना, आंगनबाड़ी केंद्र संचालन, क्षेत्रफल पौधारोपण योजना, कृषि पंपसेट का ऊर्जाकरण, खाद्य सुरक्षा योजना, उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, संस्थागत प्रसव तथा अन्य योजनाओं की क्रियान्विति एवं पर्यवेक्षण की संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा की। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण, पिछड़े व वंचित वर्गाे के आर्थिक – सामाजिक शोषण व समावेशी विकास में ये योजनाएं अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना(ग्रामीण) एवं जल जीवन मिशन को अति महत्वपूर्ण व अति महत्वाकांक्षी मानकर बढ़ावा दें इससे गरीबी व मूलभूत सुविधाओं का निराकरण किया जा सकेगा।
इस अवसर पर बीसूका उपाध्यक्ष ने जयपुर जिले में चल रही राज्य सरकार की समस्त फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति समीक्षा भी की। उन्होंने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान,मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना, निरोगी राजस्थान अभियान, 1 रुपए में गेंहू, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री एकल नारी पेंशन योजना, पालनहार योजना, सिलिकोसिस नीति, इंदिरा रसोई योजना, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, किसान मित्र ऊर्जा योजना, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल सहित सभी 29 योजनाओं की समीक्षा की और उचित प्रचार प्रसार करके तय लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने के निर्देश दिए।