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बिहार में आयोग द्वारा ली गई परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थी ही बन सकेंगे शिक्षक

पटना : बिहार में आयोग द्वारा ली गई परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थी ही शिक्षक बन सकेंगे। बिहार मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में राज्य विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 को स्वीकृति दी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कुल 6 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को विस्तृत जानकारी देते मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने बताया कि बैठक में बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाही एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 को स्वीकृति दे दी।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सीधे शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। शिक्षक अब राज्यकर्मी होंगे। पंचायत से लेकर नगर निकायों द्वारा शिक्षकों की बहाली का प्रावधान ही खत्म कर दिया जाएगा। शिक्षकों को राज्यकर्मियों की तरह नियमित वेतन, भत्ते और सुविधायें मिलेंगी। सरकार ने पहले से नियुक्त नियोजित शिक्षकों को भी मौका दिया है। वे भी एक परीक्षा पास कर नियोजित से नियमित शिक्षक बन सकेंगे।

नई नियमावली के तहत सीटीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी प्रतियोगिता परीक्षा पास कर शिक्षक बन सकेंगे। यह परीक्षा बिहार लोक सेवा आयोग या किसी अन्य आयोग द्वारा आयोजित की जाएगी। नयोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। नियोजित शिक्षकों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी। नीतीश सरकार ने शिक्षक बहाली के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष कर दी है।

बैठक में राज्यकर्मियों के महंगाई भत्ता बढ़ाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी। बिहार में महंगाई भत्ता 4 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया है। अब राज्यकर्मियों को महंगाई भत्ता 38 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत मिलेगा। यह 1 जनवरी 2023 से प्रभावित माना जाएगा। राज्य के कर्मचारियों के साथ पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा।

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