शिक्षा

अभिभावक की मंजूरी होगी तो ही बच्चे जाएंगे स्कूल, देशभर में नवोदय विद्यालय की भी रिओपनिंग

दिल्ली में 1 सितम्बर से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूल, कोचिंग संस्थान कॉलेज खोले जाएंगे। साथ ही सभी कॉलेज यूनिवर्सिटी भी खोले जाएंगे। हालांकि दिल्ली के सभी स्कूलों को छात्रों को बुलाने से पहले उनके पेरेंट्स की मंजूरी लेनी होगी। पेरेंट्स की मंजूरी न मिलने पर बच्चों को स्कूल में बुलाने पर बाध्य नहीं किया जाएगा। शुक्रवार को यह फैसला लिया गया है।

दिल्ली में करीब साढ़े 5 हजार से अधिक स्कूल हैं। सरकारी स्कूलों की बात करें तो वर्ष 2015 तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कुल 17,000 कक्षाएं थीं। अब इनकी संख्या बढ़कर 25,000 से अधिक हो चुकी है। यानी दिल्ली सरकार को बड़े स्तर पर स्कूलों में छात्रों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना के अन्य प्रोटोकॉल्स का पालन करवाना होगा। हालांकि इनमें से करीब 2700 प्राइमरी स्कूल हैं जिन्हें फिलहाल नहीं खोला जा रहा है।

वहीं शिक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत आने वाले नवोदय विद्यालय समिति ने भी एसओपी का पालन करके स्कूलों को फिर से खोलने की अनुमति देने वाले राज्यों की अधिसूचना के अनुसार, कक्षा 11वीं से 12वीं कक्षा के लिए जेएनवी को 50 फीसदी क्षमता तक चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने का निर्णय लिया है। यहां भी माता-पिता की सहमति से ही छात्रों को कक्षाओं में शामिल होने छात्रावास में रहने की अनुमति होगी।

साथ ही यहां ऑनलाइन शिक्षा का प्रावधान भी जारी रहेगा। उचित परामर्श के माध्यम से छात्रों के मानसिक शारीरिक स्वास्थ्य कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रदान करने की भी व्यवस्था है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सभी शैक्षणिक गतिविधियां ब्लेंडेड तरीके से ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी चलती रहेंगी।

दिल्ली में 1 सितंबर से स्कूल फिर से खोलने का फैसला लिया गया है। पहले चरण में 1 सितंबर से 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। वहीं कक्षा 6 से 8 तक के लिए 8 सितंबर से स्कूल खोल दिए जाएंगे। दिल्ली आपदा प्रबंधन अथॉरिटी यानी डीडीएमए की बैठक में शुक्रवार को यह फैसला लिया गया है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि पेरेंट्स की मंजूरी के बिना बच्चों को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। स्कूलों में सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन होगा इसके लिए एसओपी जारी की जाएगी। पहले चरण के अनुभवों के आधार पर अन्य कक्षाओं को लेकर फैसला लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, कोरोना के कम होते मामलों के बीच पूरे एहतियात के साथ दिल्ली में अब धीरे-धीरे स्कूलों को खोला जा रहा है ताकि बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को कम किया जा सके। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों के बंद रहने से पिछले 1.5 साल में बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ है। एक्सपर्ट्स का भी मानना है कि जो पढ़ाई स्कूलों में हो सकती है वो घर पर नहीं हो सकती है। इसलिए डीडीएमए की बैठक में निर्णय लिया गया है कि 1 सितम्बर से सोशल डिस्टेंसिंग कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दिल्ली में शैक्षणिक गतिविधियों को शुरू कर दिया जाएगा।

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