श्रीनगर : पुलवामा हमले (Pulwama attack) में नये व अहम खुलासे सामने आ रहे हैं। दिल दहला देने वाला पुलवामा हमला पाकिस्तान (Pakistan) के आतंकी संगठन (Terrorist organization) जैश-ए-मोहम्मद (Jash-e-Mohammad) की एक सोची समझी साजिश थी, जिसका ताना-बाना हमले से दो साल पहले से ही बुना जा चुका था। इसके लिए बाकायदा आतंकियों को ट्रेनिंग लेने के लिए अफगानिस्तान (Afganistan) भेजा गया था। तालिबानी आतंकी कैंप (Talibani terrorist Camp) में उन्हें विस्फोट (Explosion) की ट्रेनिंग (Training) दी गई थी। एनआईए (NIA) की जांच में अब इस मामले में शामिल इकलौती महिला आतंकी (Female terrorist) की भूमिका सामने आई है।
पता चला है कि जांच के दौरान गिरफ्तार की गई अकेली महिला इंशा जान (Insha Jaan) इस हमले के मास्टरमाइंड फारूक की करीबी थी। उसने हर संभव तरीके से अपने साथी आतंकियों की सहायता की थी। एनआईए द्वारा फाइल की गई चार्जशीट (Chargesheet) में दावा किया गया है कि 23 वर्षीय इंशा जान मार्च में सुरक्षाबलों द्वारा कश्मीर में मारे गए पाकिस्तानी बम बनाने वाले मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक (Mohammad Umar Farukh) की साथी थी। वह उसके साथ फोन और अन्य सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपर्क में थी।
मिली जानकारी के अनुसार इंशा जान के पिता तारिक पीर को भी फारूक और उसके संबंधों के बारे में पता था। पुलवामा और आसपास के इलाकों में कई तरह की गतिविधियों में तारीक पीर ने उमर फारूक और उसके दो अन्य सहयोगियों की मदद की थी। 2018 और 2019 के बीच कई बार तो आतंकवादी उनके घर में ठहरे भी थे। इंशा और पीर ने उमर फारूक, समीर डार (Samir Daar) और आदिल अहमद डार को भोजन, आश्रय और अन्य रसद प्रदान
(Provide shelter and other logistics) की थी।