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एनएससीएन उग्रवादियों के विरुद्ध असम राइफल्स का अभियान तेज

एनएससीएन उग्रवादियों के विरुद्ध असम राइफल्स का अभियान तेज
एनएससीएन उग्रवादियों के विरुद्ध असम राइफल्स का अभियान तेज

नगालैंड में बीते कई दशक से आतंक का पर्याय रहे एनएससीएन उग्रवादियों के विरुद्ध केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर असम राइफल्स ने अभियान तेज कर दिया है।

इसके बाद ऊपरी असम के साथ ही नगालैंड की सीमा से सटे अन्य पड़ोसी राज्यों में नगा उग्रवादियों के प्रवेश करने की संभावना बढ़ गई है। इसी बीच 28 नवम्बर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नगालैंड पहुंचने का कार्यक्रम निर्धारित है। उनके नगालैंड दौरे की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।

गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनएससीएन उग्रवादियों के विरुद्ध नगालैंड तथा इससे सटे सीमावर्ती इलाकों में असम राइफल्स के साथ ही यूनिफाइड कमांड के अभियान में काफी तेजी आई है।

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सुरक्षा बल जगह-जगह छापामारी करने में लगे हुए हैं। नगालैंड में प्रवेश करने वाली सड़कों पर बैरीकेडिंग करके गहन तलाशी ली जा रही है। नगालैंड से सटे सभी राज्यों की पुलिस को संदिग्ध उग्रवादियों पर पैनी नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ये उग्रवादी छिपने के लिए इन राज्यों में प्रवेश न कर सकें।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनएससीएन खेमे में हड़कंप मच गया है। एनएससीएन के नेताओं ने मीडिया में बयान जारी करके केंद्र सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए एक तरह से सरकार को धमकी दे डाली है। एनएससीएन ने अपने बयान में कहा है कि 1997 में हुए भारत-नगा युद्धविराम समझौते का लगातार भारत सरकार उल्लंघन करने में लगी हुई है।

इस समझौते के बाद से लेकर अब तक 23 वर्षों में सरकार ने कभी भी नगा समस्या के स्थायी समाधान के प्रति गंभीरता नहीं दिखाई, जिसकी वजह से नगा समस्या लगातार जटिल होती गई है। एनएससीएन का कहना है कि नगा लोग नगालैंड के साथ ही मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश तथा म्यांमार में रह रहे नगा लोगों के अधिकारों एवं उनकी सुरक्षा के प्रति चिंतित है।

एनएससीएन के नेताओं का कहना है कि तीन अगस्त 2015 को भारत सरकार और एनएससीएन के बीच ऐतिहासिक फ्रेमवर्क एग्रीमेंट समझौता संपन्न हुआ। इस समझौते के बाद पांच वर्षों में सरकार ने समझौते में शामिल किए गए बिंदुओं पर कोई कार्रवाई नहीं की। नगा लोग अन्य लोगों के साथ मिलजुल कर रहना चाहते हैं।

संगठन ने आरोप लगाया कि भारत सरकार लगातार नगा समस्या के समाधान के रास्ते में रोड़ा अटका रही है। एक तरफ बातचीत चल रही है तो दूसरी ओर अभियान चलाया जा रहा है। एनएससीएन का कहना है कि नगा लोग अपना राजनीतिक अधिकार प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

एनएससीएन ने चेतावनी दी है कि भारत सरकार की इस कार्रवाई को एनएससीएन के कैडर गंभीरता से लेंगे। इसी बीच 28 नवम्बर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नगालैंड पहुंचने का कार्यक्रम निर्धारित है। उनके नगालैंड दौरे की तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।

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