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शिक्षक भर्ती रोकने को विपक्ष कर रहा साजिश: बेसिक शिक्षा मंत्री

कहा, अब यूपी एसटीएफ करेगी 69000 शिक्षक भर्ती मामले में जांच

लखनऊ: यूपी में बहुचर्चित 69000 शिक्षक भर्ती मामले में जांच अब यूपी एसटीएफ को सौंपी गयी है। डीजीपी मुख्यालय ने यूपी एसटीएफ को इस मामले की जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं। शिक्षक भर्ती पर सियासत तेज होती जा रही है। एक तरफ जहां चयनित अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया पूरी होने की राह देख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार कोर्ट के चक्कर काट रही है। विपक्ष पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग कर रहा है तो सरकार ने पूरी जांच एसटीएफ से कराने का ऐलान कर दिया है। एडीशनल एसपी रैंक के अधिकारी की अगुआई में टीम गठित करने के निर्देश भी जारी हो गए हैं। यह जानकारी प्रदेश बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में दी।

मंत्री ने विपक्ष को भी निशाने पर लिया, उन्होंने कहा कि कुछ लोग बेकार की राजनीति करते हुए 69000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए अनावश्यक प्रश्न उठा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि ऐसे कुछ लोग जिनका खानदानी पेशा ही भ्रष्टाचार और घोटाले का रहा है। उन्हेंं इतनी सही प्रक्रिया से हो रही भर्ती क्यों हजम होगी। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि फिलहाल 69000 शिक्षक भर्ती प्रकिया का कार्य हाईकोर्ट के आदेश के तहत स्थगित कर दिया गया है। अब आगे का कार्य न्यायालय के निर्देशों के तहत होगा।

बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके तहत प्रयागराज के पंचमलाल माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक चंद्रिमा यादव और डॉ के एल पटेल सहित कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि यह गिरोह प्रयागराज में भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की गैरकानूनी ढंग से मदद करता है, और उसके बदले में धन वसूली करता है। अगर जांच में यह साबित होता है कि कुछ अभ्यर्थियों ने गलत तरीके से परीक्षा पास की है तो उन्हें डिबार किया जाएगा। परीक्षा केंद्र भी भविष्य की परीक्षाओं के लिए डिबार किया जाएगा। परीक्षा केंद्र के प्रबंधक व अन्य स्टाफ पर कार्रवाई की जाएगी। सेंटरों पर हुई नकल और लापरवाही की जांच होगी। एक-एक कर सारी कड़ियां खोली जा रही है सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

एसटीएफ ने शुरू किया काम, 150 में 142 नम्बर पाने वाले को उठाया

सरकार द्वारा जाँच की जिम्मेदारी मिलने के साथ ही एसटीएफ ने अपना काम शुरू कर दिया है। कार्रवाई के तहत 150 में से 142 नम्बर पाने वाले और भारत के राष्ट्रपति का नाम न बता पाने वाले अभ्यर्थी को एसटीएफ ने उठा लिया है। पुलिस अब इस अभ्यर्थी से पूछताछ के आधार पर आगे और बड़ी कार्रवाई भी कर सकती है।

अब तक हो चुकी हैं 11 गिरफ्तारियां, 50 अन्य पुलिस के रडार पर

गौरतलब है कि 69000 शिक्षकों की भर्ती के इस मामले में परिक्षा के प्रश्नों से लेकर आरक्षण तक, और शिक्षा मित्रों से लेकर टॉपर तक ढेर सारे पहलुओं को लेकर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। अभी तक 11 लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में हो चुकी है। जिसमे प्रयागराज के एक विद्यालय के मालिक से लेकर एक डॉक्टर तक को गिरफ्तार किया गया है।

उपरोक्त गिरफ्तारियां राहुल नाम के अभ्यर्थी की शिकायत पर इसी माह में हुयी हैं। पुलिस ने भर्ती परिक्षा के एक टॉपर को भी प्रयागराज जनपद के सोरांव थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इसी के साथ लगभग 50 अन्य व्यक्ति भी पुलिस के रडार पर हैं, जल्द ही और गिरफ्तारियां हो सकती हैं। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से घोटालेबाजों द्वारा आठ से दस लाख घूस लेकर अभ्यर्थियों को पास कराने की साजिश रचने की बात कही गयी है।

तो क्या असली अनामिका शुक्ला को नहीं मिली नौकरी ?

दूसरी ओर प्रदेश में 69000 शिक्षकों की भर्ती के साथ ही 25 जिलों में अनामिका शुक्ला के नाम पर कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में नौकरी करने का मामला भी बेहद चर्चा में है। मंगलवार को ही इस मामले में भी एक नया घटनाक्रम सामने आया है। जानकारी के अनुसार जिस अनामिका शुक्ला के नाम पर 25 नियुक्तियां हुई है वह महिला भी अपने कागजात लेकर गोंडा बीएसए के सामने पहुँची है।

मामले में नया खुलासा सामने आया है कि जिस अनामिका शुक्ला के नाम पर यह सभी फर्जी शिक्षिकाएं नौकरी कर रही थीं, उस असली अनामिका शुक्ला को तो नौकरी ही नहीं मिली। बल्कि विभागीय जालसाजों ने उसके प्रमाणपत्रों के सहारे कई फर्जी नियुक्तियां कर दीं। गोंडा बीएसए ने खुद को असली अनामिका शुक्ला बताने वाली इस पीड़ित महिला को भी गोंडा पुलिस के पास भेज दिया है, जिसके बाद आगे की विधिक कार्यवाही जारी है।

मायावती ने की सीबीआई जांच कराये जाने की मांग

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही शिक्षक भर्ती पर जहां सरकार लाख दावे कर रही है कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रही है। वहीं विपक्ष इसको लगातार घोटाले का नाम देने में लगा है।

इस मामले पर अब मायावती ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए ट्वीट किया है, अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि प्रदेश में की जा रही 69000 शिक्षकों की भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली व भ्रष्टाचार के संबंध में रोज नए-नए खुलासे व तथ्य उजागर हो रहे हैं। अब यह पूरा मामला काफी गंभीर हो गया है, जनता काफी आशंकित है ऐसे में सरकार को अब इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए। मायावती ने कहा कि बसपा यह मांग करती है कि पूरे मामले की जांच हर हाल में सीबीआई से कराई जाए।

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