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नीट पेपर लीक पर विपक्ष ने सरकार को घेरा

दस्तक ब्यूरो

चार जून 2024 को ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में लगातार तीसरी बार सरकार बनी लेकिन सरकार बनते ही नीट पेपर लीक मामला सामने आ गया। पेपर लीक मामले का खुलासा होने से सरकार को भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा। अब पेपर लीक मामले को लेकर विपक्ष सरकार को पानी पी-पीकर कोस रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूजीसी नेट और नीट परीक्षा को लेकर सवाल पूछे हैं। खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी, आप परीक्षा पर चर्चा तो बहुत करते हैं, नीट परीक्षा पर चर्चा कब करेंगे।’ कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘यूजीसी नेट परीक्षा रद्द करना लाखों छात्र-छात्राओं के जज़्बे की जीत है। यह मोदी सरकार के अहंकार की हार है, जिसके चलते उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को रौंदने का प्रयास किया।’ उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय शिक्षा मंत्री पहले कहते हैं कि नीट यूजी में कोई पेपर लीक नहीं हुआ। जब बिहार, गुजरात और हरियाणा में शिक्षा मा़िफयाओं की गिरफ्तारियां होती हैं, तो शिक्षा मंत्री मानते हैं कि कुछ घपला हुआ है।’ कांग्रेस प्रमुख ने पूछा कि नीट की परीक्षा कब रद्द होगी।’ उन्होंने कहा, ‘मोदी जी नीट परीक्षा में भी अपनी सरकार की धांधली और पेपर लीक को रोकने की जिम्मेदारी लीजिए।’

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा, अब नीट-पीजी भी स्थगित! यह नरेंद्र मोदी के राज में बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है। बीजेपी राज में छात्र अपना करियर बनाने के लिए ‘पढ़ाई’ नहीं, अपना भविष्य बचाने के लिए सरकार से ‘लड़ाई’ लड़ने को मजबूर है। अब यह स्पष्ट है-हर बार चुप-चाप तमाशा देखने वाले मोदी पेपर लीक रैकेट और शिक्षा माफिया के आगे पूरी तरह से बेबस हैं। नरेंद्र मोदी की अक्षम सरकार स्टूडेंट्स के भविष्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है- हमें देश के भविष्य को उससे बचाना ही होगा।’ वहीं, कांग्रेस पार्टी ने लिखा, ‘अब नीट-पीजी की परीक्षा भी रद्द हो गई। यह परीक्षा कल होनी थी। इससे पहले पेपर लीक की वजह से यूजीसी व नेट की परीक्षा भी रद्द हुई थी। नीट को लेकर देश के युवा सड़कों पर प्रदर्शन कर ही रहे हैं। मोदी सरकार-पेपर लीक सरकार बन चुकी है।’

उधर, कांग्रेस नेत्री प्रियंका गांधी ने लिखा, ‘भाजपा सरकार का लोकतंत्र व लचरतंत्र युवाओं के लिए घातक है। नीट परीक्षा में हुए घपले की खबरों के बाद अब 18 जून को हुई नेट की परीक्षा भी गड़बड़ियों की आशंका के चलते रद्द की गई। क्या अब जवाबदेही तय होगी? क्या शिक्षा मंत्री इस लचरतंत्र की जिम्मेदारी लेंगे?’ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, ‘अबकी बार, पेपर लीक सरकार, अब ये सरकार कुछ ही दिनों की मेहमान है।’ आम आदमी पार्टी के नेता संजर्य ंसह ने एक्स पर लिखा, ‘2 साल में 2 करोड़ युवाओं र्की ंज़दगी ‘पेपर लीक’ के कारण बर्बाद हो चुकी है। कभी उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती, कभी नीट, अब यूजीसी, बीजेपी ने देश को ‘पेपर लीक’ देश बना दिया है। क्या आपको ़गुस्सा नहीं आता? आप बार-बार मोदी जी को वोट देते हैं मोदी जी आपको ‘पेपर लीक’ का चोट देते हैं।’ वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के नेता आनंद दुबे ने सुबोर्ध ंसह को हटाए जाने पर कहा, ‘इससे क्या होगा? एनटीए के गठन को लगभग पांच साल हो गए हैं, लेकिन तब से लगभग 41 पेपर लीक हो चुके हैं। आप एनटीए निदेशक को बर्खास्त करके खुद को नहीं बचा सकते और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।’

पेपर लीक के शोर के बीच देश में एंटी पेपरलीक कानून लागू

देश में एंटी पेपर लीक कानून 21 जून से लागू हो गया है। कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही गड़बड़ियों को रोकने के लिए केंद्र सरकार इस लोक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को 5 फरवरी को लोकसभा में पेश किया था। वहां यह बिल 6 फरवरी को पास हो गया था, उसके बाद इसे राज्यसभा में पेश किया गया जहां पर इसे 9 फरवरी को पास करवा लिया गया था। दोनों सदनों से पास होने के बाद इस विधेयक को 13 फरवरी राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी थी। फरवरी में मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने इस एंटी पेपर लीक कानून को 21 जून की रात से देशभर में लागू कर दिया है। एंटी पेपर लीक कानून यानी लोक परीक्षा कानून के दायरे में यूपीएससी, एसएससी, जेईई, नीट, सीयूईटी, रेलवे, र्बैंंकग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए की तरफ से आयोजित सभी परीक्षाएं आएंगी। अगर अब इन परीक्षाओं में कोई भी किसी भी तरह की गड़बड़ी करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ एंटी पेपर लीक कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। सार्वजनिक परीक्षाओं में ज्यादा पारदर्शिता लाने परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों पर नकेल कसने के लिए ‘लोक परीक्षा कानून-2024’ काफी मदद करेगा। इस कानून के तहत पेपर लीक करने या अनुचित साधन का इस्तेमाल करने पर कम से कम तीन साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान है। इसके साथ ही परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर के दोषी पाए जाने पर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

इस नए एंटी पेपर लीक कानून के कुछ दायरे भी हैं, जिसके अनुसार प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवा विद्यार्थी इस कानून के दायरे में नहीं हैं। जब संसद में इस बिल को पेश किया गया था तो उस वक्त केंद्रीय मंत्री जितेंद्र्र ंसह ने कहा था कि इस कानून का उद्देश्य केवल धांधली करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को रोकना है। परीक्षार्थियों को इस एंटी पेपर लीक कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। इस एंटी पेपर लीक कानून में एक हाईलेवल नेशनल टेक्निकल कमेटी बनाने की मांग की गई है। इसके साथ ही परीक्षा के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और फुलप्रूफ आईटी सिक्योरिटी सिस्टम रखे जाने की भी मांग हुई है। इस कानून के तहत अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसकी प्रॉपर्टी भी कुर्क की जा सकती है। इस कानून का सबसे अहम पहलू कंप्यूटर से होने वाली परीक्षाओं को सुरक्षित करवाना है।

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