रामनवमी हिंसा विवाद में कूद रहा था मुस्लिम देशों का संगठन OIC, भारत ने भी दे दिया करारा जवाब
नई दिल्ली : देश के इंटरनल मैटर में मुस्लिम देशों के संगठन OIC को कूदना भारी पड़ गया। रामनवमी पर देश के कई राज्यों में हुए बवाल को लेकर आईआईसी ने बयान दिया था। संगठन ने कहा था कि रामनवमी पर हुई हिंसा के जरिए मुस्लिमों को निशाना बनाया गया। साथ ही, बिहार(BIHAR) में मदरसा और उसकी लाइब्रेरी को पहुंचे नुकसान का भी जिक्र किया गया था। भारत सरकार ने ओआईसी के इस बयान की निंदा करते हुए संगठन पर जमकर निशाना साधा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”हम आज ओआईसी सचिवालय द्वारा भारत के संबंध में जारी किए गए बयान की कड़ी निंदा करते हैं। यह उनकी सांप्रदायिक मानसिकता और भारत विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है। ओआईसी केवल भारत विरोधी (anti india) ताकतों द्वारा लगातार हेरफेर किए जाने से अपनी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।”
रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर ओआईसी ने एक बयान में कहा था, “OIC जनरल सेक्रेटेरिएट ने रामनवमी के जुलूसों के दौरान भारत के कई राज्यों में मुस्लिम समुदाय को लक्षित हिंसा और बर्बरता के कृत्यों पर गहरी चिंता जताई है, जिसमें बिहारशरीफ में हिंदू भीड़ द्वारा मदरसा और उसके पुस्तकालय को जलाना भी शामिल है।” समूह ने कथित इस्लामोफोबिया की भी निंदा की। बयान में आगे कहा कि ओआईसी जनरल सचिवालय भारतीय अधिकारियों से इस तरह के कृत्यों के लिए उकसाने वालों और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करता है।
बता दें कि रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के हावड़ा, हरियाणा के सोनीपत, बिहार के नालंदा और सासाराम, गुजरात के वडोदरा, महाराष्ट्र के संभाजीनगर और हैदराबाद के चारमीनार इलाके में कई हिंसक घटनाएं हुई थीं। कई जगह उपद्रवियों ने दुकानों और गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था और जमकर उत्पात मचाया था। इसके बाद पुलिस ने हिंसाग्रस्त इलाकों में गश्त बढ़ा दी थी और कई लोगों को अरेस्ट किया था। लोगों से अफवाहों पर विश्वास नहीं करने की अपील की गई थी। बिहार पुलिस ने रामनवमी जुलूस के दौरान नालंदा जिले के बिहारशरीफ और रोहतास जिले के सासाराम में भड़के सांप्रदायिक तनाव के मामले में अब तक 173 लोगों को गिरफ्तार किया है।