अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में कोरोना से हाहाकार एक दिन में 40 हजार मामले ,कोविड नीतियों के चलते लोग सड़कों

बीजिंग: साल 2020 से अबतक एक बात जो बार-बार दोहराई जाती है वो यह कि भारत सहित पूरी दुनिया को कोरोना देने वाला मात्र एक देश है। वह देश है चीन। कहा जाता है कि कोविड का वायरस चीन के वुहान लैब से निकला था। अब जब भारत में कोरोना के दैनिक मामले 300 से भी नीचे रिपोर्ट किए जा रहे हैं ऐसे में चीन में एक दिन में कोविड के मामले 40 हजार से ऊपर रिपोर्ट किए जा रहे हैं। यह एक दिन में कोरोना मरीजों की रिकॉर्ड संख्या है। चिनफिंग सरकार की सख्त कोविड नीतियों के चलते लोग सड़कों पर आ गए हैं। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन को विदेशों से भी सपोर्ट मिल रहा है। लेकिन भारत में सामान्य हो रही स्थिति के बीच चीन से सामने आने वाले आंकड़े वाकई चिंता में डाल रहे हैं।

भारत में 24 घंटे में 300 से नीचे मामले
भारत की बात करें तो हालांकि अभी घबराने वाली कोई बात नहीं है। देश में आज यानी 29 नवंबर को कोविड के 215 नए मामले सामने आए थे। वहीं रविवार को कोरोना के 343 मामले सामने आए थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, एक्टिव केस कुल संक्रमितों का 0.01 प्रतिशत है। रिकवरी रेट 98.80 फीसदी पर है। मृत्यु दर भी घटकर 1.19 प्रतिशत रह गई है। वहीं वैक्सीनेशन की बात करें तो अब तक 219 करोड़ से अधिक डोज दी जा चुकी हैं। कुल मिलाकर आंकड़े भारत के लिहाज से राहत देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

चीन में बढ़ते मामलों से भारत में कितनी टेंशन
भारत में कोरोना को लेकर भले ऑल इज वेल हो लेकिन चीन में बढ़ते कोरोना केस और चीनी सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी लोगों को सड़कों पर विरोध प्रदर्शन का एक मौका दे गई है। सोमवार को देश भर में कोरोना के 40,052 मरीज मिले जो एक दिन में कोरोना मरीजों की रेकॉर्ड संख्या है। उधर कड़े लॉकडाउन के विरोध में चीन में जारी प्रदर्शनों को विदेश में भी समर्थन मिला। दक्षिण कोरिया के सोल, ब्रिटेन में लंदन, आयरलैंड के डबलिन, फ्रांस में पैरिस, नीदरलैंड्स में ऐम्सटर्डम, कनाडा को टोरंटो और अमेरिका के सैन फ्रैंसिस्को में लोग चीन के प्रदर्शनकारियों के समर्थन में जुटे। चीन में कोविड मामलों में आए अचानक उछाल के बाद भारत में भी इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या इसका असर भविष्य में पड़ेगा। क्या भारत में फिर कोविड लौट आएगा। एक्सपर्ट्स ने भी अपनी राय दी है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि चीन में कोरोना बढ़ने की अपनी वजहे हैं। लेकिन इसका असर भारत में नहीं पड़ेगा यह कहना गलत होगा। चीन में बढ़ते मामलों का असर देर-सबेर भारत में भी पड़ेगा। एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा ने कहा कि अगर भविष्य में डेल्टा जैसा वैरिएंट नहीं आता है तो फिर चीन में बढ़ते आंकड़ों का भारत पर खास असर नहीं पड़ेगा। डॉ. मिश्र ने आगे कहा कि चीन को जीरो कोविड पॉलसी के चलते नुकसान हुआ है। इसके अलावा चीन में वैक्सीनेशन भी कम हुआ है। वहां अधिकांश लोग ऐसे हैं जिन्हें कोरोना का टीका ही नहीं लगा है। ऐसे में कोई भी वैरिएंट उनके लिए खतरनाक हो सकता है।

एक्सपर्ट ने आगे कहा कि भारत में लोगों ने वैक्सीन लगवाई हैं, बूस्टर डोज भी लिया है। अभी यहां वैक्सीन भी उपलब्ध है। वैक्सीनेशन के बाद लोगों में सुपर इम्युनिटी विकसित हो चुकी है। ओमीक्रोन के बाद लोगों में हर्ड इम्युनिटी बनी है।

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