नई दिल्ली : दुनियाभर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीमारी से 2020 में 10 मिलियन लोगों की मौत हो चुकी है. शरीर में मौजूद कोशिकाएं जब किसी हिस्से में असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं तो ट्यूमर विकसित हो जाता है. जो कैंसर का रूप लेता है. कैंसर भी कई प्रकार के होते हैं. इनमें एक होता है पैंक्रियाटिक कैंसर, जो शरीर में मौजूद पैंक्रियाज में विकसित होता है. इसके लक्षण भीथोड़े अलग होते हैं. जिसकी वजह से आसानी से इस बीमारी की पहचान नहीं हो पाती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, पैंक्रियाटिक कैंसर के शुरुआती लक्षणों में पैरों में दर्द के साथ सूजन आ जाती है. लेकिन अधिकतर लोग इसे कोई दूसरी परेशानी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. अगर किसी को ये लक्षण हैं तो उसे कैंसर की स्क्रीनिंग भी करानी चाहिए. इसके अलावा यूरिन का रंग ज्यादा पीला होना और स्किन पर खुजली भी पैन्क्रियाटिक कैंसर के संकेत होते हैं.
डॉक्टर बताते हैं कि ये कैंसरकाफी खतरनाक होता है. इसमें जीवित रहने की दर महज 6 फीसदी होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों को इस कैंसर के लक्षणों की जानकारी नहीं होती है. इससे अधिकतर मामले एडवांस स्टेज में सामने आते हैं. ऐसे में इलाज करना एक बड़ी चुनौती बन जाता है.
पैंक्रियाटिक कैंसर में ये लक्षण भी दिख सकते हैं
अचानक वजन घटना
बहुत थकावट होना
भूख कम लगना
बार-बार पीलिया की शिकायत होना
इन बीमारी वालों को है अधिक खतरा
कैंसर विशेषज्ञ डॉ अनुराग कुमार बताते हैं कि जिन लोगों को मोटापा और डायबिटीज की परेशानी है उन्हें पैन्क्रियाटिक कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है. कई रिसर्च से पता चला है कि टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों में एक साल बाद इस कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है. इसलिए मोटापा और डायबिटीज के मरीजों को पैरों में ये लक्षण दिखने पर तुरंत कैंसर की स्क्रीनिंग करानी चाहिए. कोशिक ये करें कि लाइफस्टाइल को ठीक रखें. खानपान पर ध्यान दें. ऐसा करने से मोटापा और डायबिटीज दोनों की कंट्रोल में रहेंगे.
इसके अलावा जो लोग अधिक सिगरेट पीते हैं उन्हें भी पैंक्रियाटिक कैंसर होने का रिस्क रहता है. द लैंसेट मेडिकल जर्नल की स्टडी में पता चला है कि चेन स्मोकर में इस कैंसर होने की दर सामान्य लोगों की तुलना में 20 फीसदी अधिक है. साथ ही 30 साल से अधिक उम्र में पैंक्रियाटिक कैंसर के केस ज्यादा देखे जा रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि धूम्रपान छोड़ दे.