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पैगंबर विवाद पर पाक ने भारत को बदनाम करने की रची थी साजिश, सोशल मीडिया का किया इस्‍तेमाल : रिपोर्ट

नई दिल्ली । पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी (Prophet Mohmmad Remark) के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान (Pakistan Conspiracy) लगातार भारत को बदनाम करने के हथकंडे अपना रहा है. इसके लिए पाकिस्तान एक प्रोपेगेंडा चला रहा है जिसमें यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि भारत में मुसलमान खतरे में हैं और इसके लिए वह पैगंबर को लेकर की गई टिप्पणियों का इस्तेमाल कर रहा है. यह खुलासा एजेंसियों की एक रिपोर्ट से हुआ है.

इस रिपोर्ट में यह विश्लेषण किया गया कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा द्वारा की गई टिप्पणियों और उसके बाद इन टिप्पणियों का इस्तेमाल इंटरनेट पर किस तरह से किया गया. इंडोनेशिया, सऊदी अरब, यूएई, जॉर्डन, बहरीन और अफगानिस्तान समेत कुछ मुस्लिम देशों ने इन विवादास्पद टिप्पणियों की निंदा की थी. इसके बाद नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया गया और उनके सहयोगी नवीन जिंदल को निष्कासित किया गया.

इस रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया पर हिंदू समर्थक और मुस्लिम समर्थक दोनों पक्षों ने विभिन्न हैशटैग जारी किए. मुस्लिम समर्थक पक्षों की ओर से दुनिया के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग हैशटैग देखने को मिले. इनमें विशेष रूप से पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर चलाए गए #Except_Messenger_of_God_Modi और #StopInsulting_ProphetMuhammadपर लोगों का ज्यादा ध्यान गया. हैशटैग क्रिएटर्स की पहचान @SupportProphetM, @IMKaleem और @LubnaAnsar के रूप में की गई. एक और नैरेटिव के जरिए लोगों से कहा गया कि, भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए. इनमें @TurkiShalhoub, और @ShaikhDadow प्रमुख थे.

इस रिपोर्ट के अनुसार, इस मुद्दे पर लोगों को भड़काने के लिए मुस्लिम पक्ष की ओर 2,400 से अधिक यूनिक अकाउंट बनाए गए थे. वहीं इस मुद्दे को लेकर हिंदू समर्थक की ओर से #ArrestZubair, #IstandwithNupurSharma, #IsupportNupurSharma ट्रेंडिंग हैशटैग थे. हैशटैग @GauravArora0409, @KapilMishra_IND द्वारा बनाए गए थे जो या तो भाजपा से संबंधित हैं या समर्थक हैं.

हालाँकि इनमें #ArrestZubair पर कई ट्वीट्स किए गए. ALT न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर, जो @zoo_bear हैंडल से जाने जाते हैं, उन्होंने यह मुद्दा उठाया था. नुपुर शर्मा के समर्थन में हिंदू पक्ष के लोगों ने 1,500 से अधिक बॉट अकाउंट बनाए थे.

इस विवाद के बढ़ने के साथ ही भारत और नुपुर शर्मा को हर तरफ से धमकियां मिलने लगी. अल-कायदा ने देश के विभिन्न हिस्सों हमले करने की चेतावनी दी. वहीं कश्मीर फाइट- द रेसिस्टेंस फ्रंट के मीडिया फोरम ने भी कार्रवाई की चेतावनी दी और नुपूर शर्मा द्वारा दिए गए बयान की निंदा की.

जब बाहरी ताकतें इस मुद्दे को खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए नुपूर शर्मा की टिप्पणियों के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए कई आयोजनों की योजना बनाई गई है. 17 जून को जापान और नीदरलैंड में भारतीय दूतावास के बाहर एक रैली आयोजित की जानी है. इसी दिन यूपी के एक राजनेता मौलाना तौकीर रज़ा ने भी बड़े पैमाने पर विरोध का आह्वान किया है.

एक दिन बाद तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने धरना चौक, इंदिरा पार्क, हैदराबाद में विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है.

पाकिस्तानी यूजर्स ने लोगों को भड़काया
इस रिपोर्ट में भारत को बदनाम करने की कोशिश के लिए पड़ोसी देश पाकिस्तान को भी जिम्मेदार ठहराया गया है. डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च एंड एनालिटिक्स सेंटर ने बताया कि हैशटैग पर बातचीत करने वाले अधिकांश उपयोगकर्ता पाकिस्तान से थे. 60,000 से अधिक उपयोगकर्ताओं का विश्लेषण किया गया, उनमें से अधिकांश गैर-सत्यापित उपयोगकर्ता थे जिन्होंने सभी हैशटैग के साथ बातचीत की.

बॉट्स के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि कानपुर हिंसा के दो दिन बाद 5 जून, 2022 को बॉट्स की संख्या में तेजी बढ़ोतरी हुई. दो सप्ताह के अंदर 2,400 से ज्यादा अकाउंट्स बनाए गए. इस विवाद को लेकर जहां एक ओर एक खास वर्ग नुपूर शर्मा पर उनकी असंवेदनशील और भड़काऊ टिप्पणी के लिए कार्रवाई की मांग कर रहा था, वहीं दूसरी ओर एक पक्ष नुपूर के समर्थन में खड़ा हो गया.

कुलमिलाकर, यह रिपोर्ट कहती है कि इस मामले को देखते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में होने वाले विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी जानी चाहिए.

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