Pakistan: चीफ जस्टिस इमरान समर्थक! सत्ताधारी दल सोमवार को SC के सामने करेगा प्रदर्शन
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में अब भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। परिस्थितियां कुछ ऐसी बन रही हैं कि आने वाले दिनों में हालात और भी खराब हो सकते हैं, क्योंकि सत्तापक्ष के गठबंधन ने अब पीटीआई (PTI) के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है।
इमरान खान : को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से मिली रियायतों पर सत्ताधारी गठबंधन पीडीएम के संयोजक मौलाना फजलुर रहमान ने ऐलान किया है कि सोमवार को गठबंधन से जुड़े सभी दलों के कार्यकर्ता इस्लामाबाद में सुप्रीम कोर्ट के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। पीडीएम का आरोप है कि चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल इमरान खान के समर्थक हैं और उनके पक्ष में फैसले सुना रहे हैं।
पीडीएम के संयोजक ने कहा, बंदियाल की सास इमरान की पार्टी की सदस्य हैं। इससे पहले लाहौर पुलिस की एक टीम पंजाब प्रांत में दर्ज मामलों को लेकर इमरान खान को गिरफ्तार करने इस्लामाबाद पहुंची। हालांकि उनकी गिरफ्तारी की आशंका बहुत कम रह गई है।
वहीं, इमरान ने 9 मई के बाद उनके खिलाफ दर्ज मामलों पर एक अलग याचिका देकर कोर्ट से कहा कि उन्हें हिंसा की कोई जानकारी नहीं है लेकिन उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए। इस पर उन्हें जमानत देते हुए जस्टिस मियांगुल हसन औरंगजेब ने कहा कि गिरफ्तारी के दौरान हिंसा की निंदा की जानी चाहिए।
दूसरी ओर, इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस आमेर फारूक ने तोशाखाना मामले में इमरान खान के अभियोग पर रोक लगा दी। खान के वकील ख्वाजा हैरिस ने हाईकोर्ट में दलील दी कि चुनाव आयोग ने कानून के मुताबिक उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई शिकायत नहीं की।
इस पर जस्टिस फारूक ने कहा, हम बयान दर्ज करने के दौरान मामले को देखेंगे और कहा कि मामला सुनवाई के लिए स्वीकार्य नहीं है। मुख्य न्यायाधीश ने अभियोग पर स्थगनादेश जारी किया और सत्र अदालत को खान के विरुद्ध तोशखाना केस में आपराधिक कार्यवाही रोकने को कहा।
कोर्ट से बाहर आते वक्त इमरान खान ने कहा कि सेना प्रमुख को डर है कि सत्ता में वापस आने के बाद वह अपना पद खो देंगे, लेकिन मैं उनके खिलाफ कुछ नहीं करूंगा। खान ने कहा, मैंने उन्हें पहले भी चेताया था कि इस देश को अब गलत रास्ते पर मत ले जाना। आज जब जनता घरों से निकली तो यह उनकी जिम्मेदारी है। मुझे नहीं पता था कि लाहौर कोर कमांडर के घर में क्या हुआ, मैं जेल में बंद था।
सुनवाई ब्रेक के दौरान पत्रकारों से इमरान ने कहा कि मेरा अपहरण किया गया था और हिरासत में रहते हुए गिरफ्तारी का वारंट दिखाया गया। यह जंगल राज है। ऐसा लगता है जैसे मार्शल लॉ घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि मुझ पर डंडों से हमला किया गया। हालांकि नजरबंदी के दौरान नैब का व्यवहार ठीक रहा।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर शुक्रवार को कहा, यदि आप (सुप्रीम कोर्ट) इस लाडले का पक्ष लेते रहना चाहते हैं, तो आपको देश के सभी डकैतों को भी सलाखों के पीछे से छोड़ देना चाहिए। उन्होंने अपने कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा, सभी को स्वतंत्र करे दें। उन्होंने पूछा, मेरे भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तथा संघीय गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ ऐसी नरमी क्यों नहीं बरती गई। उन्होंने कहा, नवाज के साथ हुए अन्याय के बारे में किसी ने उनसे बात तक नहीं की। इस तरह के दोहरे मापदंड पाकिस्तान में न्याय की मौत का कारण बने हैं।