आत्मघाती हमलों को लेकर पाकिस्तान सरकार हुई सख्त, अवैध प्रवासियों को देश छोड़ने का दिया आदेश
इस्लामाबाद : पाकिस्तान सरकार ने देश में हो रहे आत्मघाती हमलों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। अवैध अप्रवासियों के लिए देश छोड़ने को लेकर आदेश जारी कर दिया है। इसके लिए समय सीमा एक नवंबर निर्धारित की है। गृह मंत्री सरफराज बुगती ने मंगलवार को कहा कि यह आतंकवाद और तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई के तहत यह कदम उठाया गया है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा पाकिस्तान से अफगानिस्तान में तस्करी को रोकने के प्रयासों के तहत अवैध अफगान शरणार्थियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के बाद यह घटनाक्रम हुआ। सितंबर की शुरुआत से अब तक अकेले कराची में 700 से अधिक अफगानियों को गिरफ्तार किया गया है और अन्य शहरों में सैकड़ों से अधिक अफगानों को गिरफ्तार किया गया है।
यह कार्रवाई हाल के महीनों में अफगान नागरिकों से जुड़े कई आतंकवादी हमलों के कारण हुई है। बुगती ने अपनी टिप्पणी में कहा कि जनवरी से अब तक हुए 24 आत्मघाती हमलों में से 14 अफगान नागरिकों द्वारा किए गए थे। बुगती ने बताया कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर की अध्यक्षता में हुई शीर्ष समिति की उच्च स्तरीय बैठक में यह फैसला लिया गया। इसमें सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। मीडिया को संबोधित करते हुए बुगती ने कहा कि जल्द ही जांच एजेंसियों को अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करेने के निर्देश जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि पीएम हाउस में हुई बैठक में उग्रवाद के खतरे से निपटने के लिए 2015 में तैयार की गई राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत अवैध निवासियों को हटाने का निर्णय लिया गया। बुगती ने कहा कि हमने अवैध प्रवासियों को खुद से अपने देशों में लौटने के लिए एक नवंबर की समय सीमा दी है और यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियां (एलईए) उन्हें देश से निकालने के लिए कार्रवाई करेंगी। उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया कि एक पाकिस्तानी का हित और सुरक्षा सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
कार्यवाहक गृह मंत्री ने आगे बताया कि अवैध आप्रवासियों के स्वामित्व वाली अवैध संपत्तियों और पाकिस्तानियों के सहयोग से चलाए जा रहे व्यवसायों के खिलाफ पहले से ही बनाई गई एक टास्क फोर्स द्वारा एक नवंबर के बाद अभियान शुरू किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि 1 नवंबर के बाद किसी को भी बिना पासपोर्ट या वीजा के पाकिस्तान में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और वैध दस्तावेजों के बिना प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को निर्वासित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अवैध राष्ट्रीय पहचान पत्र रखने वालों को भी निशाना बनाया जाएगा।
इसके अलावा डीएनए परीक्षण का उपयोग भी किया जाएगा ताकि उन लोगों की पहचान हो सके, जिनके पास पाकिस्तानी नागरिकता नहीं है, लेकिन पाकिस्तान का पहचान पत्र है। बुगती के मुताबिक, फिलहाल पाकिस्तान में 1.73 मिलियन अपंजीकृत अवैध अफगानी रह रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1.3 मिलियन अफगानी पंजीकृत शरणार्थी हैं और अन्य 8 लाख 80 हजार के पास पाकिस्तान में रहने की कानूनी स्थिति है।