पाकिस्तान सरकार ने अफगानों को डिपोर्ट करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाई
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में ‘पंजीकरण के प्रमाण’ (PORर) के साथ रहने वाले अफगान शरणार्थियों के डिपोर्शन (वापस भेजने) के लिए समयसीमा 30 जून तक बढ़ा दी है। पाकिस्तान में रह रहे अवैध अफगान शरणार्थियों को वापस भेजने का काम तब से चल रहा है, जब सरकार ने पिछले वर्ष एक नवंबर को सभी शरणार्थी अफगान नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था।
‘POR’ अफगान शरणार्थियों के लिए एक पहचान पत्र है जो उन्हें पाकिस्तान में कानूनी रूप से रहने का अधिकार देता है और इसे देश के राष्ट्रीय डेटाबेस और पंजीकरण प्राधिकरण (एनएडीआरए) द्वारा जारी किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के साथ खुद को पंजीकृत कराने के बाद अफगान शरणार्थियों को पीओआर जारी किए जाते हैं। प्रधानमंत्री शरीफ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में पाक सरकार ने यह भी कहा कि पीओआर रखने वाले अफगानों को तीसरे चरण में अफगानिस्तान भेजा जाएगा।